
दिल्ली सरकार ने शिक्षा व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव करते हुए पहली कक्षा में एडमिस्शन के लिए बच्चों की न्यूनतम आयु 6 साल तय कर दी है। यह नया नियम शैक्षणिक सत्र 2026-27 से दिल्ली के सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा। सरकार का कहना है कि यह फैसला नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुसार लिया गया है, जिसका मकसद बच्चों को मज़बूत शुरुआती शिक्षा देना है।
एडमिशन के लिए नया नियम
नए नियमों के मुताबिक, अब क्लास 1st में एडमिशन लेने के लिए बच्चे की उम्र 31 मार्च तक कम से कम 6 साल और ज़्यादा से ज़्यादा 7 साल होनी चाहिए। इसका मतलब है कि पहली क्लास में एडमिशन के लिए बच्चे का 6 साल से ऊपर होना अनिवार्य है।
नर्सरी से लेकर पहली कक्षा के लिए नई उम्र सीमा
दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने नर्सरी से लेकर पहली कक्षा तक के लिए नई उम्र सीमा निर्धारित कर दी है: नर्सरी (Balvatika 1) के लिए उम्र 3 से 4 साल, लोअर केजी (Balvatika 2) के लिए 4 से 5 साल, अपर केजी (Balvatika 3) के लिए 5 से 6 साल, और कक्षा 1 के लिए 6 से 7 साल होनी चाहिए। यदि किसी बच्चे की उम्र में थोड़ी कमी या अधिकता है, तो स्कूल के प्रिंसिपल को एक महीने तक की उम्र छूट देने का अधिकार होगा।
नया नियम शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू
सरकार का यह नया नियम शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू होगा, हालाँकि लोअर केजी और अपर केजी की कक्षाएँ 2027-28 से शुरू होंगी। इसका मतलब यह है कि जो बच्चे अभी (2025-26) नर्सरी, केजी या क्लास 1 में हैं, वे अगले साल बिना किसी बदलाव के पुराने सिस्टम के हिसाब से ही अगली क्लास में जाएँगे।
उम्र सीमा के नियम में छूट
ऐसे छात्रों को उम्र सीमा के नियम में छूट दी जाएगी जो किसी मान्यता प्राप्त स्कूल से अपनी पिछली क्लास पास कर चुके हैं और जिनके पास स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (SLC) और मार्कशीट है। इसका मतलब है कि ये छात्र अगली कक्षा में नई उम्र सीमा की चिंता किए बिना आसानी से एडमिशन ले सकेंगे।
शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों को आदेश दिया है कि वे माता-पिता को इस बदलाव के बारे में पूरी तरह से सूचित करें और यह पक्का करें कि नई उम्र सीमा का सख्ती से पालन किया जाए।








