
गांधीजी का कहना था कि लोगों को हमेशा सच बोलना चाहिए और सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। हालांकि, हममें से कई लोग कभी बिना किसी को ठेस पहुँचाए तो कभी दोस्तों के साथ मज़ाक में झूठ बोल देते हैं। आपको बता दें कि ऐसा करना कानून के खिलाफ है और इस तरह की स्थिति में आपको सज़ा भी हो सकती है। इसलिए जब भी आप कोर्ट में जाएँ तो कभी भी झूठ न बोलें। हमेशा सच का साथ दें और जो सच्चाई है, वही बयान करें।
कोर्ट में झूठी गवाही देने पर होगी सजा
यदि आप कोर्ट (अदालत) में झूठ बोलते हैं, तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 227 के तहत आप पर झूठी गवाही देने का आरोप लग सकता है और आपको सज़ा हो सकती है। वहीं, अगर आप झूठी गवाही के साथ-साथ झूठा सबूत भी पेश करते हैं, तो आपके ख़िलाफ़ धारा 228 के तहत मुक़दमा दर्ज़ किया जाएगा। इसके अलावा अगर आप कोर्ट में झूठी गवाही देते हैं, तो आप पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 229 के तहत कानूनी कार्रवाई हो सकती है। इस अपराध के लिए आपको 3 साल तक की जेल और ₹5,000 तक का जुर्माना हो सकता है, या फिर आपको ये दोनों सज़ाएँ भी दी जा सकती हैं।
कोर्ट जाने से पहले वकील से सलाह ले
अगर आप अपने किसी मामले में खुद कोर्ट में कोई बात रखने जा रहे हैं या अपनी गवाही देने वाले हैं, तो यह ज़रूरी है कि आप पहले किसी वकील से सलाह लें। वकील से जानें कि आपको कोर्ट में अपनी बात किस तरह से रखनी है और अपनी कही हुई बातों को कैसे साबित करना है। आपको ध्यान रखना चाहिए, यदि आप कोर्ट में झूठी गवाही देते हैं और यह बात साबित हो जाती है, तो झूठी गवाही देने के आरोप में आप पर अलग से मुकदमा चलाया जा सकता है। इस अपराध के लिए कानून में सजा और जुर्माने दोनों का प्रावधान है। इसलिए इन बातों का खास ख़याल रखें।