
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग को केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 में हरी झंडी दे दी है, लेकिन इसकी आधिकारिक सूचना (नोटिफिकेशन) अभी तक जारी नहीं हुई है। आयोग के अध्यक्ष और बाकी सदस्यों के नाम भी अभी तय नहीं किए गए हैं। हालांकि वित्त मंत्रालय के राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में यह जानकारी दी थी कि सरकार इस मामले पर तेजी से काम कर रही है।
पंकज चौधरी ने दी जानकारी
पंकज चौधरी ने बताया है कि 8वें वेतन आयोग से जुड़ी आधिकारिक सूचना सही समय आने पर जारी की जाएगी। आयोग के बनते ही, इसके अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। सरकार इस मामले पर राज्य सरकारों से भी बात कर रही है और उम्मीद है कि जल्द ही आयोग के गठन की घोषणा कर दी जाएगी।
क्या है फिटमेंट फैक्टर ?
आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन बढ़ाने का सबसे ज़रूरी आधार ‘फिटमेंट फैक्टर’ होगा। यह एक गणितीय अंक होता है, जिसके इस्तेमाल से कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का नया वेतन और पेंशन तय किया जाता है।
कैसे तय होता है फिटमेंट फैक्टर?
अभी केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (DA) 58% है, जो आठवां वेतन आयोग लागू होने तक 60% तक पहुँच सकता है। इस हिसाब से, आधार फिटमेंट फैक्टर को 1.60 माना जा सकता है। इसके लागू होने के बाद, इस फैक्टर में 10% से 30% तक की बढ़ोतरी हो सकती है। उदाहरण के लिए, अगर 1.60 के फैक्टर पर 20% की बढ़ोतरी होती है, तो यह नया फैक्टर 1.92 हो जाएगा, और 30% की बढ़ोतरी पर यह 2.08 तक जा सकता है।
फिटमेंट फैक्टर की सीमा
8th Pay Commission में फिटमेंट फैक्टर 1.8 से लेकर 2.08 के बीच रह सकता है। यह फैक्टर बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इसी के आधार पर कर्मचारियों की नई सैलरी और पेंशन की रकम तय की जाएगी।
इस बार इस्तेमाल हो सकते है ‘ऐक्रॉयड फ़ॉर्मूले’
इस बार सरकार डॉ. वॉलेस ऐक्रॉयड (Dr. Wallace Aykroyd) द्वारा तैयार किए गए ‘ऐक्रॉयड फ़ॉर्मूले’ को वेतन (सैलरी) तय करने के लिए इस्तेमाल करने पर विचार कर रही है। यह फ़ॉर्मूला इस बात पर आधारित है कि एक व्यक्ति को कम से कम ज़िंदा रहने के लिए कितना खर्च करना ज़रूरी है। इसमें भोजन, कपड़े और रहने की जगह जैसे ज़रूरी खर्चों को शामिल करके वेतन तय किया जाता है।
वेतन और पेंशन में हो सकती है बढोतरी
उम्मीद की जा रही है कि 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों और पेंशन पाने वालों के वेतन और पेंशन में फिटमेंट फैक्टर के आधार पर काफी अच्छी बढ़ोतरी होगी। इस बदलाव से केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पहले से बेहतर आर्थिक लाभ मिल सकेगा।