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कम निवेश, तेज रिटर्न, ये बिजनेस 3 महीने में बना सकता है लखपति, कैसे करना है शुरू देखें

कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने का तरीका खोज रहे हैं? बिहार के गया जिले में किसान एक ऐसा व्यवसाय अपना रहे हैं, जो सिर्फ 3 महीनों में उन्हें लखपति बना सकता है! अगर आप भी बंपर कमाई करना चाहते हैं, तो जानिए मधुमक्खी पालन (शहद का व्यवसाय) कैसे शुरू करें और इसमें कितनी कमाई की संभावना है।

By Pinki Negi

कम निवेश, तेज रिटर्न, ये बिजनेस 3 महीने में बना सकता है लखपति, कैसे करना है शुरू देखें
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मधुमक्खी पालन एक ऐसा काम है जिसे किसान अपनी खेती के साथ-साथ, कम जगह और थोड़ी मेहनत में भी कर सकते हैं। किसान शहद को आस-पास के बाजारों में और ऑनलाइन भी बेचकर अच्छे पैसे कमा सकते हैं। बिहार सरकार किसानों को आर्थिक मदद देने और शहद का उत्पादन बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी दे रही है।

मधुमक्खी पालन पर मिलेगी 50% तक की सरकारी छूट

इस योजना के तहत किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए ज़रूरी चीज़ों पर 50% तक की सरकारी छूट मिल रही है। उदाहरण के लिए, 4,000 रुपये के मधुमक्खी बक्से पर 2,000 रुपये और 2,000 रुपये के मधुमक्खी छत्ते पर 1,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। इसके साथ ही, 20,000 रुपये की कीमत वाली शहद निकालने की मशीन और दो डिब्बों पर भी 10,000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है। ध्यान रहे, ये सभी उपकरण राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तय किए गए मानकों के हिसाब से ही उपलब्ध कराए जाते हैं।

मधुमक्खी पालन करने के कई फायदे

मधुमक्खी पालन का सबसे अच्छा फायदा यह है कि कोई भी व्यक्ति इसे आसानी से शुरू कर सकता है। यहाँ तक कि जिनके पास ज़मीन नहीं है, वे किसान भी एक बक्से से ही कम से कम पाँच हज़ार रुपये तक कमा सकते हैं। यह बहुत ज़्यादा समय लेने वाला काम नहीं है; किसान मधुमक्खी पालन का सही प्रबंधन करके इसके साथ-साथ अपने दूसरे काम भी कर सकते हैं। यह नकदी फसलों की तरह ही है, जिसमें बहुत कम समय में कमाई शुरू हो जाती है। किसान सिर्फ शहद ही नहीं, बल्कि मोम और रॉयल जेली बेचकर भी अच्छी-खासी कमाई कर लेते हैं।

शहद के व्यवसाय से होगी अच्छी कमाई

गया जिले के कई किसान मधुमक्खी पालन करके अच्छी कमाई कर रहे हैं। गया और पूरे बिहार में बने शहद की अच्छी क्वालिटी के कारण, इसकी मांग पूरे देश में बढ़ गई है, जिससे किसानों और छोटे व्यापारियों की आय सुधरी है। गया का मौसम मधुमक्खी पालन के लिए अच्छा है, लेकिन ज्यादा शहद बनाने के लिए, यहां के मधुमक्खी पालक ठंड के तीन महीनों में अपने बक्सों को लेकर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे राज्यों में चले जाते हैं। ठंड खत्म होते ही, वे फरवरी में वापस गया लौट आते हैं।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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