
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बोर्ड परीक्षाओं के लिए एक नया निर्देश जारी किया है, जिसके तहत कक्षा आठवीं तक तीन भाषाएँ पढ़ना और उनमें पास होना ज़रूरी है। यदि कोई छात्र इनमें से किसी भी भाषा विषय में फेल होता है, तो उसे अगली कक्षा में उस विषय की दोबारा परीक्षा देनी होगी, भले ही वह स्कूल बदल ले।
CBSE की नई गाइडलाइन
जिन छात्रों को पहली परीक्षा में कंपार्टमेंट आया है, वे दूसरी परीक्षा में भी इसी श्रेणी के तहत बैठ सकते हैं। दसवीं पास करने के बाद अतिरिक्त विषयों या एकल विषयों में एडमिशन की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई छात्र विज्ञान, गणित या सामाजिक विज्ञान जैसे तीन मुख्य विषयों में से किसी एक में फेल होता है, लेकिन वह छठे वैकल्पिक विषय (कौशल विषय) में पास हो जाता है, तो उस कौशल विषय को फेल हुए अनिवार्य विषय की जगह मान लिया जाएगा और 10वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम उसी हिसाब से घोषित किया जाएगा।
सीबीएसई के नए नियम
CBSE के नए नियमों के अनुसार, अगर कोई छात्र मुख्य पाँच विषयों में से किसी भाषा विषय में फेल हो जाता है, तो उसे सातवें विषय के तौर पर पास की गई दूसरी भाषा से बदला जा सकेगा।
बोर्ड ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि वे इन नियमों की जानकारी छात्रों और अभिभावकों को समय से दे दें। साथ ही, बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि उसकी टीम कभी भी स्कूलों का निरीक्षण कर सकती है और यदि उपस्थिति रजिस्टर अधूरा पाया गया या छात्र नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं, तो ऐसे छात्रों को डमी परीक्षार्थी मानकर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।