
देश में नवीनीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारें लोगों को सोलर सिस्टम के उपयोग हेतु प्रोत्साहित कर रही हैं। जिससे न केवल जलवायु परिवर्तन में बदलाव को रोका जा सके बल्कि लोगों को भी पारम्परिक बिजली के बिलों में राहत मिल सकेगी। ऐसे में एनर्जी की बढ़ती मांग के बीच 6kW सोलर सिस्टम की मांग घर, स्कूल और ऑफिस में बढ़ती देखी जा रही है। बता दें इस 6 किलोवाट सोलर सिस्टम के जरिए कई इलेक्ट्रिक उपकरण आसानी से संचालित किए जा सकते हैं, जिससे यह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय बनता जा रहा है।
6kW सोलर सिस्टम की विशेषताएं
6kW सोलर सिस्टम की विशेषताओं की बात करें, तो यह औसतन 30 यूनिट बिजली उत्पन्न करता है, इसके साथ ही इसे 7.5kVA सोलर इन्वर्टर भी जोड़ा जा सकता है। इस सिस्टम की मुख्य खासियत है की यह एक ही समय में कई उपकरणों को चलाने में सक्षम है, वहीं सोलर एनर्जी पर्यावरण के लिए यह पूरी तरह सुरक्षित और रिन्यूएबल है।
प्रतिदिन 30 यूनिट बिजली होगी उत्पन्न
इस 6kW सोलर सिस्टम से प्रतिदिन लगभग 30 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है, इसके साथ ही इसके जरिए आप दो टन का इन्वर्टर, ट्यूब लाइट, सीलिंग फैन, एसी, टीवी, लैपटॉप, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, लेजर प्रिंटर, डेस्कटॉप, एलईडी बल्ब आदिके सतह रूम हीटर और वॉटर हीटर जैसे हाई कंजक्शन उपकरण भी ऑपरेट कर सकते हैं। यह एक मिड-साइज सोलर सेटअप है, जो बताए गए सभी औसतन घरेलू और व्यावसायिक जरूरतों को पूरा कर सकता है।
कैसे करें बिजली खपत का प्रबंधन
बता दें, 6kW सोलर इन्वेर्टर के अधिकतम उपयोग के लिए लगभग सभी डिवाइस की बिजली खपत को रिकॉर्ड करना आवश्यक है, जिसके लिए आप एनर्जी मीटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको सभी उपकरणों को एनर्जी मीटर से कनेक्ट करना होगा, उनकी कुल पावर कंजम्प्शन का आंकलन करके यह सुनिश्चित करना होगा की कुल खपत 6 किलोवाट से अधिक न हो। अगर खपत अधिक हो तो उपकरणों की संख्या को सीमित करना होगा।