
श्रावस्ती जिला प्रशासन प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना को जमीन पर उतारने के लिए कमर कस चुका है। जिलाधिकारी अजय कुमार द्विवेदी की अगुवाई में कलक्ट्रेट सभागार में एक विशेष बैठक आयोजित हुई, जिसमें अधिकारियों, ग्राम प्रधानों, एफपीओ संगठन, वेंडरों और कोटेदारों ने हिस्सा लिया। बैठक का मकसद सिर्फ प्लानिंग नहीं, बल्कि जनता तक इस योजना की असली पहुंच सुनिश्चित करना था, ताकि कोई भी परिवार बिजली की बढ़ती कीमतों से परेशान न हो।
डीएम द्विवेदी ने स्पष्ट कहा कि यह योजना “कागजों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए” बल्कि हर नागरिक तक इसका लाभ पहुँचना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यह मिशन जनता की राहत से जुड़ा हुआ है, इसलिए सभी विभाग समयबद्ध लक्ष्य के तहत कार्य पूरा करें।
हर अधिकारी को मिला ठोस लक्ष्य
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने खंड विकास अधिकारियों (BDO), ग्राम पंचायत सचिवों तथा अन्य विभागीय अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सोलर प्लांट लगाने के लक्ष्य सौंपे। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक यह संदेश पहुंचना चाहिए कि “अब बिजली के लिए आसमान तक देखो, क्योंकि रोशनी छत से मिलेगी।”
डीएम ने साफ निर्देश दिए कि योजना का लाभ हर पात्र परिवार तक पहुंचे और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही वेंडरों से कहा गया कि वे न केवल सोलर सिस्टम लगाने की प्रक्रिया को तेज करें, बल्कि ग्रामीणों को इस योजना का फायदा लेने के लिए मोटिवेट भी करें।
मात्र ₹1800 EMI में 3 किलोवाट सोलर सिस्टम
प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत कोई भी परिवार अपने घर की छत पर 1 किलोवाट से लेकर 5 किलोवाट तक की क्षमता वाला सोलर पैनल लगवा सकता है। एक किलोवाट पैनल की अनुमानित कीमत करीब ₹60,000 आती है, जो लगभग 25 साल तक काम करता है। अब 3 किलोवाट का प्लांट सिर्फ ₹1800 की मासिक EMI पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसमें खास बात यह है कि बैंक 7% की ब्याज दर पर आसान लोन उपलब्ध करवा रहे हैं, ताकि लोगों को एकमुश्त खर्च न उठाना पड़े। इससे मध्यम और निम्न आयवर्ग के परिवार भी आसानी से अपने बिजली बिल का भार घटा सकेंगे।
पंजीकृत वेंडर से ही लगवाएं प्लांट
डीएम द्विवेदी ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे केवल UPNEDA में पंजीकृत वेंडरों से ही सोलर पैनल लगवाएं। उन्होंने बताया कि बाजार में कई फर्जी एजेंसियाँ लोगों को लुभावने ऑफर देकर ठगी की कोशिश कर रही हैं। ऐसे में लोगों को जागरूक रहने और आधिकारिक वेबसाइट या पंजीकृत विक्रेताओं से ही संपर्क करने की सलाह दी गई।
उन्होंने बताया कि जब सोलर प्लांट सफलतापूर्वक लग जाएगा, तब सब्सिडी की राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के तहत लाभार्थी के बैंक खाते में भेजी जाएगी। यानी, किसी बिचौलिए या एजेंट की भूमिका इस योजना में नहीं होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
बिजली बिल में राहत, पर्यावरण को भी फायदा
श्रावस्ती के डीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक राहत देना नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
सोलर पावर के इस्तेमाल से हर महीने आने वाला बिजली बिल काफी कम हो जाएगा। जो परिवार औसतन हर महीने ₹1000–₹1500 बिजली बिल भरते हैं, वे अब इसे लगभग शून्य तक ला सकते हैं। साथ ही, यह व्यवस्था कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता घटाएगी और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगी।
इसके अलावा, यह योजना आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूत करेगी—जहाँ हर घर अपनी ऊर्जा खुद उत्पन्न करेगा। इस तरह के प्रोजेक्ट्स ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी नई जान फूंकने का काम कर रहे हैं।
आवेदन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन
जो भी नागरिक अपने घर की छत पर सोलर प्लांट लगवाना चाहते हैं, वे प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://pmsuryaghar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। वेबसाइट पर जाकर पहले खुद को रजिस्टर करना होगा, इसके बाद प्लांट की क्षमता, डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी और वेंडर का चयन करना होगा। आवेदन स्वीकृत होने के बाद निरीक्षण और इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया शुरू की जाती है।
डीएम द्विवेदी ने सभी ग्राम प्रधानों और वेंडरों से अपील की है कि वे गांवों में जाकर लोगों को इस योजना के बारे में विस्तार से बताएं। उन्होंने कहा कि “यह मौका सिर्फ सस्ती बिजली के लिए नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ भविष्य बनाने का है।









