
हर माता-पिता अपनी बेटी के भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं और चाहते हैं कि उसकी पढ़ाई या शादी जैसे ज़रूरी मौकों पर पैसों की कोई कमी न हो। लेकिन सीमित आय में बेटी के लिए एक बड़ा फंड कैसे तैयार किया जाए, यही सबसे बड़ी चुनौती होती है।
अगर आप समय रहते अपनी बेटी के भविष्य के लिए सही योजना चुन लेते हैं, तो आपकी छोटी-सी बचत भी लाखों का सहारा बन सकती है। सरकार ने माता-पिता को राहत देने और उनकी बच्ची के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ऐसी ही एक खास स्कीम शुरू की है। इस योजना में हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम जमा करके आप अपनी बेटी के लिए भविष्य में एक बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं।
सिर्फ ₹500 प्रति महीने से करे शुरू
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के लिए शुरू की गई एक खास स्कीम है, जिसमें आप सिर्फ ₹500 प्रति माह जमा करके भी लाखों रुपये का फंड बना सकते हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य माता-पिता को अपनी बेटी की शिक्षा और शादी के लिए एक मजबूत और गारंटीड फंड तैयार करने में मदद करना है।
इस योजना के तहत किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में बेटी के नाम से खाता खुलवाया जा सकता है, जिसमें माता-पिता पैसा जमा करेंगे। इसकी सबसे खास बात यह है कि आप सिर्फ ₹250 प्रति माह से शुरुआत कर सकते हैं, जबकि एक साल में अधिकतम ₹1.5 लाख रुपये तक जमा करने की सुविधा है।
योजना की कुल अवधि
अगर आप हर महीने सिर्फ ₹500 यानी सालाना ₹6,000 का छोटा निवेश भी लगातार करते हैं, तो लंबे समय में यह एक बड़ी पूँजी बन सकता है। इस योजना की कुल अवधि 21 साल की होती है, और इस दौरान आपको जमा की गई राशि पर अच्छा ब्याज भी मिलता रहता है।
15 साल तक हर महीने ₹500 जमा करने पर मिलेंगे इतने रूपये
अगर कोई व्यक्ति 15 साल तक हर महीने ₹500 जमा करता है, तो उसका कुल निवेश ₹90,000 होगा। इस निवेश पर सरकार द्वारा दिए जाने वाले ब्याज को मिलाकर, मैच्योरिटी पर यह राशि बढ़कर लगभग ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक हो सकती है। इस योजना की यही सबसे बड़ी विशेषता है कि छोटी-सी बचत को लंबे समय में एक बड़ा फंड बना देती है।
इस योजना में बच्ची की शिक्षा के लिए उसके 18 साल पूरे होने पर आंशिक रूप से पैसे निकालने की सुविधा भी मिलती है। इसका मतलब है कि आप कॉलेज की फीस या किसी अन्य खर्च के लिए ज़रूरत पड़ने पर कुछ रकम निकाल सकते हैं। बची हुई राशि मैच्योरिटी तक सुरक्षित रहेगी और उस पर लगातार ब्याज मिलता रहेगा।