
हाल ही में नई दिल्ली में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई। इस बैठक मे श्रम मंत्री ने आश्वस्त किया कि न्यूनतम PF पेंशन को बढ़ाने के मुद्दे पर कैबिनेट स्तर पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। हालाँकि, यह विषय बैठक के आधिकारिक एजेंडे में नहीं था, लेकिन विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने माँग रखी कि न्यूनतम PF पेंशन को वर्तमान ₹1,000 प्रति माह से बढ़ाया जाना चाहिए।
पेंशन बढ़ाने की तैयारी
एक रिपोर्ट के अनुसार, एक बैठक में उच्च पेंशन के मुद्दे पर देरी होने का सवाल उठाया गया, जिस पर मंत्री ने असहमति नहीं जताई और कहा कि कैबिनेट इस प्रस्ताव पर सक्रिय रूप से विचार कर रही है। हालांकि, कई सदस्यों ने शिकायत की कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद EPFO की मौजूदा गाइडलाइंस सही नहीं हैं, और उन्होंने पुरानी गाइडलाइंस को रद्द कर कोर्ट के आदेश के अनुसार नई व्यवस्था लागू करने की मांग की। लेकिन, एक अन्य सदस्य के मुताबिक, इस मांग पर सरकार का जवाब “सकारात्मक नहीं” रहा।
नियमों में हुआ बड़ा बदलाव
श्रम मंत्रालय ने EPF से आंशिक निकासी के नियमों को सरल बना दिया है। पहले 13 जटिल प्रावधान थे, जिन्हें अब सिर्फ़ तीन आसान श्रेणियों में बाँट दिया गया है: 1. आवश्यक ज़रूरतें (जैसे बीमारी, शिक्षा और शादी), 2. आवास से जुड़ी ज़रूरतें और 3. विशेष परिस्थितियाँ। इस बदलाव से EPF का पैसा निकालना काफी आसान हो जाएगा।
EPF सदस्य अब अपनी कुल जमा राशि का पूरा पैसा निकाल सकते है। नए नियमों के अनुसार, अब शिक्षा के लिए 10 बार और विवाह के लिए 5 बार तक पैसा निकाला जा सकता है (जबकि पहले शिक्षा और विवाह के लिए कुल 3 बार की सीमा थी)। इसके साथ ही अब सभी आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है।
‘विश्वास योजना’ शुरू
CBT (केंद्रीय न्यासी बोर्ड) ने जुर्माने से जुड़े कानूनी मामलों को कम करने के लिए ‘विश्वास योजना’ शुरू करने का निर्णय लिया है। श्रम मंत्रालय के अनुसार, PF की बकाया राशि में देरी होने पर लगने वाले जुर्माने के कारण बड़ी संख्या में केस कोर्ट में लंबे समय के लिए पड़े रहते है, जिन्हें इस योजना के ज़रिए सुलझाया जाएगा।