
उत्तर प्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के तहत कृषि उपकरण या कार्य के लिए लोन लेने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर है, बता दें केसीसी के तहत लोन लेने वाले बहुत से किसानों ने अभी तक लोन नहीं लौटाया है। जिसे लेकर कृषि विभाग ने सभी बैंकों से बकाएदार किसानों की सूची मांगी है, इनमें जिले के 2.55 लाख किसानों को 28 सरकारी, अर्धसरकारी और निजी बैंकों द्वारा 4844 करोड़ रूपये का लोन दिया गया था। जिसमें 1 लाख किसानों द्वारा ऋण भुगतान कर लिया है लेकिन अभी तक डेढ़ लाख किसानों द्वारा ऋण का भुगतान नहीं किया गया है।
कृषि विभाग ने बकाएदारों मांगी सूची
बता दें, विभाग को सूची मिलने के बाद नोटिस देकर भूमि नीलामी की प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा, केंद्र सरकार पिछेल पांच वर्षों में किसानों को कृषि कार्य के लिए केसीसी के जरिए ऋण प्रदान कर चुकी है। योजना के तहत ऋण पर 13 से 18% तक वार्षिक ब्याज निर्धारित है। इसमें ऋण अदायगी लहजभाग 40 प्रतिशत है, हालाँकि पिछले पांच वर्षों में आधे से अधिक ऋण वापसी नहीं होने के कारण कृषि विभाग ऐसे किसानों की सूची तैयार कर रहा है।
अधिकतर बैंकों ने नहीं दी सूचना
बता दें, केसीसी के तहत किसनों को कृषि कार्य या कृषि उपकरण की खरीद के लिए किसानों की भूमि बैंक द्वारा बंधक रखी जाती है, ऋण अदा नहीं करने वाले किसानों को नोटिस दिए जाने के बाद उनकी भूमि की नीलामी तैयार की जाती है। इस मामले में उप निदेशक दुबे ने कहा की बैंकों से लोग अदायगी की नई सूचना मांगी गई है, जानकारी मिलने के बाद बकाया धनराशि का आंकलन कर लोन वसूला जाएगा।
हालाँकि इसके बाद भी कई बैंकों ने संबंधित सूचना नहीं दी है, कृषि विभाग द्वारा करीब 15 दिन पहले केसीसी ऋण एक बकाएदारों की सूचना अग्रणी जिला प्रबंधक के माध्यम से मांगी गई थी। तीन-चार बैंकों के अलावा शेष बैंकों द्वारा संबंधित सूचना अभी तक नहीं मिली है। ऋण देने वाले बैंकों में से कैनरा बैंक ने अब तक किसानों को सबसे अधिक लोन उपलब्ध करवाया है, एक बार सभी बैंकों की और से सूचना मिलने पर ऋण वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।