
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत सरकार देश में सोलर पैनल के उपयोग को बढ़ावा दे रही है। इसके साथ ही योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को पारंपरिक बिजली बिलों से राहत मिले, इसके लिए योजना की प्रगति की समीक्षा भी कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न की गई है। जिसे लेकर जिलाधिकारी का कहना है की योजना के प्रति जन जागरूकता के साथ बढ़ाई जाए, जिससे अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभ मिल सके।
इसके साथ ही प्रत्येक अधिकारी को योजना की पात्रता एवं प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी रखने व प्रचार-प्रसार के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों में सोलर ऊर्जा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य दिया गया है। साथ ही जिलाधिकारी ने ग्राम्य विकास, स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के कर्मचारियों को अपने घरों पर सोलर पैनल स्थापित कर लोगों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
मुफ्त बिजली के लिए जरूरी नहीं स्मार्ट मीटर
बता दें, जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता को मीटर रीडरों का प्रशिक्षण कराए जाने एवं ग्राम प्रधानों को योजना के प्रति जागरूक करने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजान का लाभ लेने हेतु स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता भी ख़त्म कर दी गई है। बता दें समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने रजिस्टर्ड वेंडरों से समस्याओं की जानकारी भी ली और पावर कॉर्पोरेशन एवं बैंकर्स को वेंडरों तथा उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित समाधान करने के निर्देश भी दिए हैं।
योजना हेतु जागरूकता वाहनो को मिली हरी झंडी
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के प्रचार हो वाहनों को जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक ने कलेक्ट्रेट परिसर से रवाना कर दिया है, जिनके जरिए 15 दिनों तक जनपद में जनसामान्य को योजना के लाभ, पात्रता एवं आवेदन से जुडी जानकारी प्रदान की जाएगी। इस योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं को अपने घर की छतों पर सोलर पैनल लगवाने पर प्रति किलोवाट पांच यूनिट प्रतिदिन तक की मुफ्त बिजली मिल सकेगी। जिससे बिजली बिलों में कमी आएगी और उत्पादित बिजली को बिजली ग्रिड में बेचकर आय अर्जित की जा सकेगी।