
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की सरकार ने एक विवादास्पद विधेयक पेश किया है, जिसका उल्लंघन करने वाली भारी जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें, इटली की सत्तरूढ़ि पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली ने पब्लिक प्लेस पर बुर्का और निकाब जैसे चेहरे ढकने वाले परिधानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के लिए 8 अक्टूबर को एक विधेयक सांसद में पेश किया। यह कदम गाजा मुद्दे को लेकर इटली में हुए हालिया हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद इस्लामी अलगाववाद को रोकने से उद्देश्य से उठाया गया है।
पहनने पर लगेगा भारी जुर्माना
दक्षिणपंथी पार्टी ने इसे इस्लामी अलगाववाद के विरुद्ध एक विधेयक बताते हुए धार्मिक कट्टरवाद से जोड़ा है। जिससे अब सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर 300 से 3000 यूरो तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस विधेयक में स्कूल, कॉलेज, दुकान, कार्यालय और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को पूरी तरह ढकने वाले कपड़ों पर रोक लगाने का उल्लेख किया गया है। इटली की जॉर्जिया मेलोनी की सरकार में देश में बढ़ते इस्लामीकरण पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए इस्लामी प्रतीकों एक सार्वजनिक प्रदर्शन को सांस्कृतिक अलगाववाद बताया है।
फ्रांस से ली इटली ने प्रेरणा
बता दें, पार्टी के नेता और विधेयक के समर्थक सांसद एंड्रिया देलमास्त्रो ने अपने फेसबुक पर लिखते हुए बताया की धार्मिक स्वतंत्रा पवित्र है, लेकिन इसका प्रयोग हमारे संविधान और इतालवी राज्य के सिद्धांतों का पूर्ण सम्मान करते हुए किया जाए। फ़्रांस यूरोप का पहला देश था, जिसने वर्ष 2011 में बुर्के पर प्रतिबंध लगाया था, जिससे प्रेरणा लेते हुए इटली ने यह कदम उठाया है। इसके साथ ही बिल में मस्जिदों की फंडिंग को भी प्रावधान है।
नेता ने बताया की यह एक ऐसा विधेयक है जो मुख्य रूप से मस्जिद की फंडिंग को विनियमित करने और पूरे चेहरे को ढकने वाला नकाब के उपयोग को रोकने और उसपर प्रतबंध लगाने से संबंधित होगा।
डेनमार्क, बेल्जियम में भी कानून लागू
बुर्का पहनने को लेकर बेल्जियम, डेनमार्क, स्विट्जरलैण्ड और कई अन्य यूरोपियाई देशों ने भी प्रतिबंध लगा दिया है। रिपोर्ट की माने तो इटली में 1975 से ही एक कानून है जिसमें सार्वजानिक स्थानों पर चेहरा पूरी तरह ढकने पर प्रतिबंधन है, हालांकि इसमें बुर्के का उल्लेख नहीं किया गया है। वर्तमान में मेलोनी की गठबंधन सरकार संसद में बहुमत रखती है। जिससे इस विधेयक के सांसद में पारित होने की संभावना मजबूत मानी जा रही है।