सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं और इसने निवेशकों से लेकर आम खरीदार तक, सबको चौंका दिया है। भारत में 10 ग्राम सोने का भाव अब 1.26 लाख रुपये के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह सिर्फ भारत की कहानी नहीं है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोना 4,000 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक आंकड़े को पार कर चुका है।

इस साल सोने की कीमतों में लगभग 54% की आग लगाने वाली तेजी देखी गई है, जो 1979 के बाद की सबसे बड़ी बढ़त है। सवाल यह है कि सोना इतना महंगा क्यों हो रहा है और क्या यह तेजी आगे भी जारी रहेगी?
सोने में आग लगने की वजह क्या है?
इस असाधारण तेजी के पीछे कोई एक नहीं, बल्कि कई बड़े ग्लोबल कारण काम कर रहे हैं, ऐसी उम्मीद है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक (US Fed) जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो निवेशक बैंक से पैसा निकालकर सोने जैसी चीजों में लगाते हैं, जिससे इसकी मांग और कीमत बढ़ जाती है। डॉलर की कीमत गिरने से भी सोना मजबूत होता है। चूंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना डॉलर में खरीदा जाता है, कमजोर डॉलर का मतलब है कि दूसरे देशों के लिए सोना खरीदना सस्ता हो जाता है, जिससे डिमांड बढ़ती है।
दुनिया भर में चल रहे भू-राजनीतिक तनाव (geopolitical tensions), जैसे रूस पर लगे प्रतिबंध और अमेरिका में सरकारी शटडाउन का खतरा, निवेशकों को डरा रहे हैं। ऐसे में, वे शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे विकल्पों से पैसा निकालकर सोने में लगा रहे हैं, जिसे “सुरक्षित निवेश” (safe haven) माना जाता है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंक, खासकर चीन और रूस जैसे देश, अपनी विदेशी संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए डॉलर की जगह सोने का भंडार बढ़ा रहे हैं।
क्या अभी सोने में निवेश करना सही है?
अगर आप सोच रहे हैं कि क्या इस महंगी कीमत पर भी सोना खरीदना चाहिए, तो एक्सपर्ट्स की राय मिली-जुली है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब भी सोने में निवेश किया जा सकता है, लेकिन एक साथ सारा पैसा लगाने की बजाय धीरे-धीरे और सोच-समझकर निवेश करें। अब निवेश सिर्फ गहने या सिक्के खरीदने तक सीमित नहीं है। आप डिजिटल गोल्ड (Digital Gold), गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) या गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Funds) के जरिए कम पैसों में भी आसानी से सोने में निवेश कर सकते हैं।
कहां तक जाएगा सोना?
दुनिया की बड़ी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग फर्म गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने अनुमान लगाया है कि अगले साल के अंत तक सोना 4,900 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है। अगर ऐसा होता है, तो भारतीय बाजार में सोने की कीमतें एक नए शिखर पर होंगी। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि अगर डॉलर फिर से मजबूत होता है या ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो सोने की कीमतों में 5-10% की गिरावट भी आ सकती है।