अक्सर हमे सुनने को मिलता है और लोग कहते हैं कि अविवाहित जोड़े होटल में अकेले नहीं रह सकते हैं क्योंकि कभी भी पुलिस रेड मारकर उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं। होटल में रहना एक अपराध माना जाता है, लेकिन आपको बता दें यह पूरी तरह से गलत धारणा है। भारत का संविधान हर बालिग नागरिक को निजता से जीने का अधिकार देता है। बालिग कपल्स कहीं घूमने गए हो, किसी कारण भी वह होटल में रकना चाहते हैं तो यह गैरकानूनी नहीं माना जाएगा। आइए जानते हैं होटल में रुके कपल्स पर पुलिस कार्यवाई के भारतीय नियम क्या है और आपको क्या अधिकार मिलते हैं।

ऐसी स्थिति में पुलिस नहीं कर सकती गिरफ्तार!
भारतीय संविधान के अनुछेद 21 के तहत व्यक्ति की निजता का अधिकार और सुरक्षा दी हुई है। होटल को भी अपने ग्राहकों के निजता का ध्यान रखना चाहिए। अगर होटल में 18 साल से अधिक के लड़का और लड़की दोनों बालिग रुकते हैं और वे कोई क्राइम नहीं करते हैं तो उन्हें पुलिस होटल से गिरफ्तार करके नहीं ले जा पाएगी।
अगर अनमैरिड कपल्स आपसी सहमति से होटल में रुक रहें हैं तो यह अपराध नहीं माना जाएगा। उनके पास मान्य पहचान पत्र और रूम बुकिंग का सबूत होना चाहिए। मद्रास हाई कोर्ट का कहना है लिव इन रिलेशनशिप में रहना कोई गैरकानूनी नहीं है, यहाँ पर बालिग अविवादित जोड़े होटल में रह सकते हैं। कानून इस मामले में कुछ नहीं कर पाएगा।
गिरफ्तारी कब होगी?
अगर होटल में कपल्स वेश्याकर्म अथवा अन्य गंभीर आपराधिक गतिविधि में शामिल है अथवा कपल में कोई साथी योन शोषण अथवा अन्य तरह का आरोप लगाता है तो ऐसे में गिरफ्तारी हो सकती है। अगर नाबालिग ऐसे काम में शामिल पाया जाता है, तो पोक्सो अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाई की जाएगी।
पुलिस ने छापेमारी मार ली तो क्या करें?
अगर आप वैध दस्तावेज दिखाकर होटल में रह रहें हैं और आप बालिग है तो आपको डरने की कोई भी जरुरत नहीं है। अगर फिर भी पुलिस आपको परेशान करती है तो आप नीचे दिए हुए अधिकारों का धैर्य से इस्तेमाल कर सकते हैं।
- आपको पुलिस के साथ शांति से पेश आना है। और अगर वे कहे दस्तावेज कहें तो उन्हें दिखाएं।
- अगर पुलिस गिरफ्तार करने की वार्निंग देती है तो आपको लिखित में गिरफ्तार करने का कारण मांगना है।
- पुलिस आपके साथ बुरा व्यवहार या धमकी देती है बिना कारण के तो उनकी वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं। यह क़ानूनी रूप से उचित होता है।
- अगर आपके साथ अन्याय होता है तो आप राज्य मानवाधिकार आयोग से अथवा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कंप्लेंट कर सकते हैं।