आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, जहां हर कोई नियमों और कायदों में बंधा हुआ है, कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जो हमें यह याद दिला देती हैं कि इंसानियत से बड़ा कोई नियम नहीं होता। सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही दिल छू लेने वाला वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक रेलवे टीटी (Ticket Collector) ने अपनी दरियादिली से लाखों लोगों का दिल जीत लिया है।

जब टिकट की जगह दादी ने दिखाया आधार कार्ड
यह घटना एक चलती ट्रेन की है। एक टीटी साहब अपनी ड्यूटी निभाते हुए यात्रियों के टिकट चेक कर रहे थे। जब वह एक बुजुर्ग महिला के पास पहुंचे, तो उन्होंने बड़ी विनम्रता से उनसे टिकट मांगा। दुनियादारी से बेखबर उस बुजुर्ग अम्मा ने टिकट की जगह अपने झोले से अपना आधार कार्ड निकाला और बड़े ही भोलेपन से टीटी साहब के हाथ में थमा दिया।
एक पल के लिए टीटी साहब रुके। उन्होंने एक नजर आधार कार्ड पर डाली और फिर उस अम्मा के मासूम चेहरे को देखा। एक तरफ उनकी ड्यूटी थी, तो दूसरी तरफ एक माँ की भोली-भाली मासूमियत। उन्होंने कोई बहस नहीं की, कोई जुर्माना नहीं लगाया, बल्कि उनके चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई।
उन्होंने बुजुर्ग महिला से कहा, “अम्मा, यही है आपका टिकट?” अम्मा ने हाँ में सिर हिलाया। इसके बाद टीटी साहब ने उनके आधार कार्ड को ही टिकट मान लिया और उन्हें आराम से अपनी सीट पर बैठकर यात्रा करने को कहा।
इंसानियत से बड़ी कोई चीज़ नहीं !
— Manisha (@manisha31843) October 4, 2025
ट्रेन में एक बुजुर्ग महिला से टीटी ने टिकट मांगा गया तो मासूमियत से टिकट की जगह आधार कार्ड दिखा दिया
टीटी भी मुस्कुरा उठा और बोला ये पहचान ही काफी हैं….. जाइए, माफ किया 😊
कभी- कभी इंसानियत के छोटे छोटे लम्हें दिल को बड़ी सीख दे जाते हैं… pic.twitter.com/ivPSjzxj9y
सोशल मीडिया पर लोगों ने की तारीफों की बौछार
यह पूरा वाकया किसी ने अपने कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। देखते ही देखते यह वीडियो आग की तरह फैल गया। लोगों ने टीटी साहब की इस नेकदिली की जमकर तारीफ की।
- एक यूजर ने लिखा, “इंसानियत आज भी जिंदा है। नियम अपनी जगह हैं, लेकिन किसी के सम्मान और मासूमियत को समझना सबसे बड़ी ड्यूटी है। टीटी साहब को सलाम।”
- एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “जब नियम इंसानियत से बड़े हो जाते हैं, तो समाज का असली मतलब खत्म हो जाता है। टीटी साहब की यह मुस्कान सिर्फ दया नहीं थी, यह एक संदेश था कि कभी-कभी दिल के नियमों को पहले लागू करना चाहिए।”
यह सिर्फ एक टिकट माफ करने की बात नहीं थी। यह उस बुजुर्ग महिला के सम्मान को बनाए रखने की बात थी। टीटी साहब ने यह साबित कर दिया कि दुनिया की सबसे बड़ी किताब इंसानियत की होती है, और कभी-कभी उसके पन्ने नियमों की किताब से ज्यादा मायने रखते हैं।