
राजस्थान के जो लोग केंद्रे सरकार की ‘पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना’ के तहत फ्री बिजली के लाभ पाने वाले थे, उनके सामने एक बड़ी समस्या आ गई है। । बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) ने लगभग 10 लाख ग्राहकों के लिए सोलर पैनल की सुविधा प्रदान करने के लिए एक जगह पर सामुदायिक रूप से सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने संशोधित नियमों का हवाला देते हुए इस तरह के सामूहिक मॉडल को मंजूरी देने से अनौपचारिक रूप से मना कर दिया है।
केवल छत पर लगने वाले सोलर पैनल पर मिलेगी सब्सिड़ी
पीएम सूर्यघर योजना को लेकर संशोधित गाइडलाइन में यह साफ कर दिया गया है कि इस योजना के तहत मिलने वाली सब्सिड़ी का लाभ छत पर लगाए जाने वाले सोलर पैनल पर मिलेगा, न की सामुदायिक सोलर सोलर पैनलपर। इसलिए इस मॉडल को हटा दिया गया है। यह बदलाव जुलाई में हो गया था, लेकिन के अधिकारियों को इसकी जानकारी होने के बाद भी उन्होंने इस बात की जानकारी जनता को नहीं दी।
सोलर पैनल योजना को तीन मॉडल में बांटा गया
सरकार सोलर पैनल योजना के जरिये उपभोक्ताओं का भरोसा दिला रही है, लेकिन 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना को अभी मंत्रालय से औपचारिक मंजूरी मिलनी बाकी है। इस योजना को सोलर पैनल से जोड़ा गया है और इसे तीन मॉडलों में बाँटा गया है। पहले मॉडल के तहत, जिन घरेलू उपभोक्ताओं के पास अपनी छत है, उनके लिए 1.1 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाया जाएगा, जिस पर लगभग ₹17,000 का खर्च आएगा।
सामुदायिक रूप से लगाए जाएंगे सोलर पैनल
इस योजना के तहत, आपको केंद्र सरकार की सब्सिडी भी मिलेगी। साथ ही, जिन उपभोक्ताओं के पास अपनी छत नहीं है, उनके लिए सामुदायिक रूप से सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिसका मतलब है कि पैनल किसी एक सामान्य जगह (जमीन पर) पर स्थापित किए जाएंगे।