क्या आपने कभी सोचा कि आपके मोबाइल नंबर के आगे +91 क्यों लगा होता है और यह आपके ही नहीं बल्कि हर भारतीय मोबाइल नंबर के आगे होता है। यह सिर्फ एक साधारण नंबर ही नहीं बल्कि यह एक कोड होता है जिसका बहुत ही जरुरी मतलब होता है। जो आज के समय में बहुत कम लोग जानते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको इस कोड के बारे में विस्तार से बताते हैं।

क्यों है +91 आवश्यक?
आपके मोबाइल नंबर के आगे जो +91 नंबर दिया होता है वह भारत का अंतराष्ट्रीय टेलीफ़ोन कोड होता है जो आम नंबर नहीं है। यह कोड अंतराष्ट्रीय कॉल को सही देश तक पहुंचाने का काम करता है। यह कोड हर देश के लिए अलग अलग होता है जैसे आपके घर का पता एक अलग होता है जिससे आपको पहचान मिलती है।
दुनिया में एक ऐसा सिस्टम है जिसे अंतराष्ट्रीय टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (ITU) द्वारा बनाया गया है और इसके तहत ही इन कोड को बनाया जाता है। यह अंतराष्ट्रीय संस्ता है जो दुनिया भर में संचार और सूचना से जुड़े कामों को देखती है। बता दें इस संस्था ने सभी देशों को 9 विभिन्न जोन में बांटा है। और हमारा देश भारत इसके 9वें जोन में शामिल है। इस वजह से देश को कोड 9 से स्टार्ट है। भारत ने अपनी पहचान अलग बनाने के लिए 9 के पीछे 1 अंक जोड़ दिया है जिससे यह +91 बना गया है।
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नंबर के हर हिस्से का होता है अर्थ
हमने आपको ऊपर बताया कि +91 नंबर का महत्वपूर्ण मतलब तो होता है लेकिन आपके 10 अंकों का जो मोबाइल नंबर होता है उसके हर हिस्से का भी एक अलग अर्थ होता है।
उदाहरण के तौर पर समझाते हैं अगर आपका नंबर +91 77777-99999 है, तो इसके प्रत्येक अंक बहुत जरुरी है जिससे आपको कई जानकारी मिलती है।
- +91– यह भारत का कंट्री कोड होता है।
- पहले दो अंक (77)- इससे पता चलता है कि यह नंबर एक मोबाइल नेटवर्क का है।
- अगले तीन अंक (777)- इस कोड से आप जान सकते हैं कि आपका नंबर Jio, Airtel अथवा Vodafone में से कसी कंपनी का है।
- आखिरी पांच अंक (99999)- ये आखिरी के पांच अंक आपकी अपनी पहचान होते हैं, यह किसी और के पास नहीं होते हैं।
अब आप समझ गए होंगे कि फ़ोन नंबर का हर अंक बहुत ही जरुरी होता है और इसका अर्थ अलग होता है।