
क्या आप जानते है कि लगभग 100 साल पहले भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, भूटान और मध्य-पूर्व के कुछ देश जैसे यमन और कुवैत सभी एक ही ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा थे, जिसे ब्रिटिश राज कहते थे? उस समय कोई सीमा नहीं थी। अब तो भारत और पाकिस्तान का बॉर्डर रात में इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से भी दिखता है।
हाल ही में इतिहासकार सैम डेलरिंपल ने अपनी किताब ‘शैटर्ड लैंड्स’ में बताया है कि भारत का पहला बंटवारा 1947 से बहुत पहले ही हो चुका था, जिसके बारे में ज़्यादा लोग नहीं जानते हैं।
50 सालों में कई हिस्सों में बँटा देश
लाल सागर से लेकर दक्षिण-पूर्व एशिया तक के विशाल भू-भाग में, जहाँ दुनिया की एक-चौथाई आबादी रहती थी, वहाँ कभी हिंदू, मुस्लिम, सिख और पारसी एक साथ रहते थे। इस पूरे क्षेत्र में भारतीय रुपया चलता था और लोगों के पासपोर्ट पर ‘इंडियन एंपायर’ (Indian Empire) की मुहर लगी होती थी। लेकिन अगले 50 सालों में यह साम्राज्य कई हिस्सों में बँट गया। इन पांच बँटवारे से नए देश बने, नक्शे बदले, और कई लड़ाइयाँ हुईं, जिनमें लाखों लोगों ने अपनी जान गँवाई।
साल 1928 की कहानी
साल 1928 में किसी ने नहीं सोचा था कि भारत का नक्शा बदलने वाला है। उस समय ब्रिटिश सरकार बहुत ताकतवर थी. उसी साल ब्रिटिश साम्राज्य ने पहली बार एलियंस से संपर्क करने की कोशिश की. तब हवाई जहाज आसमान में उड़ने लगे थे और ब्रिटिश रेडियो सर्विस शुरू हो चुकी थी. खबरें लंदन से लेकर कलकत्ता तक सुनाई जाती थीं और किंग जॉर्ज पंचम ‘भारत के लोगों’ कहकर अपना भाषण देते थे. उस समय का भारत, आज के भारत से लगभग दोगुना बड़ा था.
ब्रिटेन सरकार ने गुप्त रखा पुरे भारत का नक्शा
लेखक डेलरिंपल के अनुसार, आज भी ज़्यादातर किताबें यह नहीं बतातीं कि एक समय में यमन, दुबई, बर्मा और नेपाल जैसे देश भी भारत का हिस्सा थे. उस समय, ब्रिटेन ने जानबूझकर भारतीय साम्राज्य के आकार को कम दिखाया था और पूरे नक्शे को गुप्त रखा था.
नेपाल, ओमान, तिब्बत और अरब राज्यों को भी आधिकारिक तौर पर भारतीय साम्राज्य का हिस्सा नहीं माना गया. हालांकि, 1889 के कानून के मुताबिक, ये सभी क्षेत्र कानूनी तौर पर ‘भारत’ का हिस्सा थे. इनकी देख-रेख भारतीय सेना और वायसराय के अधीन थी और लॉर्ड कर्जन ने खुद कहा था कि ओमान को भारत का ही एक हिस्सा माना जाना चाहिए.
भारत का पहला विभाजन
शायद बहुत कम लोग जानते होंगे की भारत का पहला बंटवारा 1937 में हुआ था, जब बर्मा को भारत से अलग कर दिया गया था? यह विभाजन बामर समुदाय की मांगों को पूरा करने के लिए किया गया था. इसके बाद, अरब प्रायद्वीप का भी भारत से विभाजन हुआ, जो 1937 में अदन के अलग होने के साथ शुरू हुआ और 1947 में खाड़ी देशों के अलग होने के साथ पूरा हुआ. अगर यह विभाजन न हुआ होता, तो सऊदी अरब को छोड़कर पूरा अरब प्रायद्वीप भारत या पाकिस्तान का हिस्सा होता.
1947 :: Map of Undivided India Showing Status of Various States During Partition
— indianhistorypics (@IndiaHistorypic) March 12, 2025
Balochistan Independent pic.twitter.com/tAhjSiHu0W