आस्था और भक्ति के केंद्र वृंदावन की गलियां अब सोशल मीडिया कंटेंट का मंच बनती जा रही हैं। बाल संत के रूप में चर्चित कथावाचक अभिनव अरोड़ा का एक नया वीडियो विवादों में घिर गया है। इस वीडियो में वह वृंदावन में झाड़ू लगाकर सफाई करते नजर आ रहे हैं, लेकिन एक स्थानीय यूट्यूबर द्वारा बनाए गए वीडियो ने इस ‘सफाई अभियान’ की पूरी हकीकत सामने लाने का दावा किया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है।

क्या है पूरा मामला?
यह पूरा मामला एक वायरल वीडियो से शुरू हुआ जिसमें अभिनव अरोड़ा अपने माता-पिता के साथ वृंदावन में मौजूद हैं। वीडियो में दिखता है कि एक रील बनाने की तैयारी चल रही है। गर्मी और उमस के कारण अभिनव पसीने से तर-बतर हैं और उनकी माँ अपने आंचल से उनका चेहरा पोंछ रही हैं। इसी बीच, एक स्थानीय यूट्यूबर वहां पहुंच जाता है और इस पूरी तैयारी को अपने कैमरे में कैद करने लगता है।
यूट्यूबर ने अपने वीडियो में दिखाया कि कैसे रील बनाने के लिए पूरा सेटअप तैयार किया गया था। उसका आरोप है कि अभिनव अरोड़ा जिस जगह पर झाड़ू लगा रहे थे, वह पहले से ही साफ थी और वहां कुछ ही देर पहले एक सफाई कर्मचारी ने सफाई की थी। वीडियो में यूट्यूबर यह कहते हुए सुनाई देता है कि “रीलबाजों ने वृंदावन को कमाई का जरिया बना लिया है।”
कैमरे पर हुई नोकझोंक
जब अभिनव की माँ ने देखा कि कोई उनकी वीडियो बना रहा है, तो उन्होंने इसका विरोध किया। उन्होंने यूट्यूबर से सवाल किया कि वह ऐसा क्यों कर रहा है और वीडियो क्यों बना रहा है। इस पर यूट्यूबर ने जवाब दिया, “आप अपना काम कर रहे हैं, हम अपना काम कर रहे हैं। हम तो बस असलियत दिखा रहे हैं कि कैसे आस्था के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है।”
यह घटना सोशल मीडिया पर दिखावे और वास्तविकता के बीच एक बड़ी बहस छेड़ गई है। यह पहली बार नहीं है जब अभिनव अरोड़ा किसी विवाद में आए हैं; इससे पहले राधाष्टमी के अवसर पर भी वृंदावन में बाढ़ की स्थिति पर बनाए गए उनके एक वीडियो को लेकर काफी चर्चा हुई थी। इस नए मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सोशल मीडिया पर दिखने वाली हर चीज सच होती है?