
हाल ही में उत्तरप्रदेश सरकार ने पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अब जब भी संपत्ति का बंटवारा होगा, तो उस पर लगने वाला स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन फीस बहुत कम होगा. पहले ये कीमत प्रोपर्टी की कीमत यानी 4% स्टाम्प शुल्क और 1% रजिस्ट्रेशन फीस के हिसाब से लगता था, जो की काफी महंगा हो जाता है. इस महंगाई के वजह से कई परिवार अपनी संपत्ति का कानूनी बंटवारा नहीं कर पाते है, जिस वजह से कई बार अदालत में झगड़े हो जाते है. परिवारों को राहत देने के लिए अब सरकार ने अब यह सिर्फ 5000 रुपए तय कर दिया है.
संपत्ति बंटवारे के नए नियम
सरकार का मानना है कि नया नियम लागू होने से परिवार में झगड़े कम होंगे. लोग अपनी संपत्ति का कानूनी बंटवारा आसानी से कर पाएंगे, जिस वजह से उन्हें कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे. इस नियम से जमीन के रिकॉर्ड भी सही होंगे.
सरकार को हो सकता है नुकसान
स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस कम होने से राजस्व का नुकसान हो सकता है. माना जा रहा है कि स्टाम्प शुल्क से सरकार को लगभग 5.58 करोड़ रुपये और रजिस्ट्रेशन शुल्क से 80.67 लाख रुपये का घाटा हो सकता है. लेकिन सरकार को म्मीद है कि संपत्ति के बंटवारे का खर्च कम होने से लोग ज्यादा से ज्यादा कानूनी रजिस्ट्रेशन करवाएंगे. रजिस्टर्ड अधिक होने के बाद सरकार का राजस्व फिर से बढ़ सकता हैं.
कई शहरों में पहले से शुरू है ये व्यवस्था
यूपी के नागरिकों को प्रोपर्टी मामले में राहत देने के लिए सरकार ने पारिवारिक संपत्ति बंटवारे के नियमों में बदलाव किए है. सरकार ने कहा, तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में ऐसी व्यवस्था पहले से है. अब यूपी में भी इस नियम को लागू करने से संपति बंटवारे की समस्या कम होगी.