
Muslim Prayer: हर धर्म के अपने -अपने नियम होते है, लेकिन मलेशिया के तेरेंगानु राज्य में एक ऐसा कानून बनाया गया है, जिसे लेकर विवाद हो रहा है. इस नए कानून के तहत, अगर कोई मुस्लिम पुरुष बिना किसी सही वजह के शुक्रवार की नमाज़ नहीं पढ़ता है, तो उसे 2 साल तक की जेल या 3,000 रिंगित (लगभग ₹61,780) तक का जुर्माना हो सकता है.
नया कानून बनाने का उद्देश्य
नए कानून को लेकर तेरेंगानु राज्य के सूचना और शरिया मंत्री मुहम्मद खलील अब्दुल हादी ने कहा यह कानून इसलिए बनाया गया है ताकि मुश्किल भाइयों को याद दिलाया जा सकें कि शुक्रवार की नमाज़ सिर्फ एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि अल्लाह की आज्ञा का पालन है. पहले तीन जुमे की नमाज नहीं पढ़ने पर सजा दी जाती थी, लेकिन अब एक बार की नमाज न पढ़ने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
तेरेंगानु राज्य की आबादी लगभग 12 लाख
मलेशिया में राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बदलाव चुनावी रणनीति का हिस्सा है. पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) ने खुद को इस्लाम का सबसे बड़ा रक्षक बताया. तेरेंगानु राज्य की आबादी लगभग 12 लाख है, जिसमें से 99% से ज़्यादा लोग मलय मुसलमान हैं. 2022 के विधानसभा चुनाव में PAS ने राज्य की सभी 32 सीटें जीतकर विपक्ष को पूरी तरह से हटा दिया था.
इस वजह से सोशल मीडिया में हो रही बहस
तेरेंगानु में 2 साल के बाद चुनाव होने वाले है और माना जा रहा है कि इस नए कानून से पैन-मलेशियाई इस्लामिक पार्टी (PAS) की धार्मिक पहचान को मजबूती मिलेगी. जिस वजह से इस मुद्दे पर बहस हो रही है. मलेशियाई वकील अजीरा अजीज ने कहा कि यह नियम कुरान की शिक्षा के खिलाफ है, जिसमे कहा गया है कि धर्म के साथ कोई जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए. साथ ही उनका मानना है कि नमाज के लिए जागरूकता और शिक्षा कार्यक्रम काफी हैं, इसे अपराध घोषित करने की जरूरत नहीं है.
