जब गांधीजी ने किया आवारा कुत्तों को मारने का समर्थन, जानें क्या थे उनके तर्क

देश में आजकल आवारा कुत्तों पर खूब बहस चल रही है जब से सुप्रीम कोर्ट ने अपना जवाब सुनाया है। वहीं आज हम इस लेख में जानेंगे कि आवारा कुत्तों को मारने के समर्थन में गांधीजी की क्या राय थी और उन्होंने इस पर लोगों की की जिम्मेदारी बताई।

By Pinki Negi

जब गांधीजी ने किया आवारा कुत्तों को मारने का समर्थन, जानें क्या थे उनके तर्क

आजकल हाल ही में आवारा कुत्तों पर जब से सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश दिया है तब से गांधीजी के विचारों को इस नजरिये से जाना जा रहा है कि यह फैसला सही है अथवा गलत। जहां तक सब गांधीजी के विचारों को समझते हैं कि वे अहिंसा और करुणा को अधिक महत्वपूर्ण मानते थे। लेकिन कुछ विशेष परिस्थतियों में अपनी जान बचाने के लिए हिंसा करना उनके लिए गलत नहीं था। यही बात आवारा कुत्तों के बढ़ते खतरों से सामने आई है। आज देश में आवारा कुत्तों के लिए जमकर चर्चा हो रही है, इस पर हम आज गाँधी जी के विचारों की सही से जानेंगे।

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आवारा कुत्ते समाज की जिम्मेदारी

आवारा कुत्तों पर गांधीजी का कहना है कि, आवारा कुत्तों को आबादी अधिक बढ़ रही है क्योंकि समाज दयालु नहीं बल्कि यह बेवकूफी और लापरवाही का नतीजा है। कुत्ता एक वफादार जानवर है और वह आवारा होकर सड़कों पर भटके तो यह सही नहीं है।

यंग इंडिया में उन्होंने लिखा था कि जो दयालु व्यक्ति है उसे व्यक्तिगत रूप से कुत्तों की जिम्मेदारी को समझना चाहिए अथवा उनकी देखभाल के लिए संगठनों का समर्थन करना चाहिए। समाज के कर्तव्यों को पूरा नहीं किया जा रहा है इसलिए आवारा कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

जीवन सुरक्षा की जिम्मेदारी पहले

एक बार गांधीजी से एक सवाल पूछा गया कि यदि कोई कुत्ता पागल हो जाता है और इंसानों पर हमला करता है तो ऐसे में उसे क्या करना चाहिए?

तो इस पर उनका साफ साफ जवाब आया कि यदि जानवर पागल हो जाए जो समाज के लिए बहुत ही गंभीर खतरा बन गया है और नुकसान पहुंचा रहा है तो उसे मार देना ही सही काम है। इन्होने इस बात को कम से कम हिंसा और संकट में कर्तव्य को बताया है। उन्होंने कहा ऐसा जानवर यदि दूसरे को मारेगा तो वह बड़ा पाप है लेकिन उस जानवर को मारकर दूसरों की जान बचाना ही पुण्य है।

आजकल के जीवन में गांधीजी के विचार

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट और आवारा कुत्तों की काफी चर्चा सुनने को मिली है। बता दें डॉग्स लवर्स आजकल खूब विरोध कर रहें हैं जब से सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है। जी हाँ कोर्ट ने दिल्ली में आवारा कुत्तों को शेलटर में भेजने का आदेश दिया है। ऐसे में आजकल गाँधी जी के विचार याद आ रहें हैं।

गांधीजी के अहिंसा और आदर्शवादी विचार थे। इसी पर वर्ष 2015 में एक वकील ने इनके विचारों को रखते हुए कहा कि गांधीजी भी पशु प्रेमी थे लेकिन जो जानवर आवारा है और समाज के लिए खतरा बन सकते हैं और लोगों को नुकसान पहुंचाए तो वे उनके खिलाफ भी बोलने को तैयार थे। उनका कहना था कि मनुष्य दयालु तो है लेकिन सुरक्षा सबसे बड़ी है इनके बीच संतुलन होना बहुत जरुरी है।

Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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