
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने पीएफ कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। बता दें ईपीएफओ ने नाबालिग बच्चों के पीएफ क्लेम देने के लिए गार्जियनशिप सर्टिफिकेट की शर्त को खत्म कर दिया है। जी हाँ, अब अगर किसी कर्मचारी की अचानक मृत्यु हो जाती है और उसका नॉमिनी नाबालिग बच्चा है तो पैसा आसानी से निकाल सकते है, जबकि पहले यदि नाबालिग बच्चा नॉमिनी रहता था तो पैसे मिलने में बड़ी दिक्क़ते आती थी।
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गार्जियनशिप सर्टिफिकेट का महत्व खत्म
पहले पीएफ मृत्यु धारक का नॉमिनी यदि नाबालिग बच्चा है तो पैसे के लिए गार्जियनशिप सर्टिफिकेट बनाना अनिवार्य था। बता दें यह सर्टिफिकेट बनने में काफी समय लगता है कई बार तो महीनों लग जाते थे। ऐसे में यदि परिवार को पैसों की इमरजेंसी काम के लिए जरूरत है तो बड़ी दिक्क्त होती थी। कई बार तो बिना काम के क्षेत्रीय कार्यालय भी इस सर्टिफिकेट को मंगवाते थे जिससे लोगों को बहुत समस्या हो रही थी। इन सभी परेशानियों हल निकालने के लिए इस लम्बी और क़ानूनी प्रक्रिया को खत्म कर दिया है अब इस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी।
बच्चे के अकाउंट में आएँगे पैसे
नए नियम के तहत मृतक व्यक्ति के फंड का पूरा पैसा नाबालिग बच्चे के बैंक अकाउंट में सेंड किए जाएंगे। परिवार इन पैसों का इस्तेमाल अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए कर पाएगा। पीएफ क्लेम की प्रक्रिया अब बहुत ही फ़ास्ट होगी है।
ईपीएफओ ने पहले ही सलाह दे दी है कि वह पहले से ही अपने नाबालिग बच्चों के अकाउंट बैंक में खुलवा ले ताकि बाद में कोई दिक्क्त न हो और इस सुविधा का लाभ मिल सके।
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EPFO से मिलने वाले अन्य लाभ
यदि ईपीएफओ सदस्य की मौत हो जाती है तो उसे परिवार को पीएफ का पैसा मिलता है साथ ही अन्य वित्तीय लाभ भी दिए जाते हैं। ऐसी घटना होने पर प्रति माह परिवार को पेंशन दी जाएगी। यदि कर्मचारी की मृत्यु नौकरी के दौरान होती है तो नॉमिनी को EDLI योजना के तहत एकमुश्त बीमा राशि भी प्रदान की जाती है।