
दुनिया में लगातार तेल की मांग बढ़ रही है, जिस वजह से सरकार पेट्रोल पंप लगाने के नियमों को आसान बनाना चाहती है. आधिकारिक आदेश के अनुसार, यह फैसला ऊर्जा सुरक्षा और कार्बन उत्सर्जन कम करने की प्रक्रिया को ध्यान में रखकर लिया जा रहा है. पहले पेट्रोल पर डीजल बेचने की परमिशन बहुत कम लोगों को मिलती थी लेकिन अब लाइसेंस मिलता काफी आसान हो गया है.
केंद्र सरकार ने बदले नियम
2019 से पहले भारत में पेट्रोल पंप खोलने के लिए कंपनियों को हाइड्रोकार्बन एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन, रिफाइनिंग, पाइपलाइन या लिक्विफाइड नेचुरल गैस टर्मिनल में 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करना पड़ता था. लेकिन 2019 के बाद इन नियमों को आसान बना दिया है. अब जिन कंपनियों की कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपए है, वह थोक या खुदरा के लिए तेल बेचने का लाइसेंस ले सकते हैं. यदि कोई कंपनी दोनों के लिए लाइसेंस लेना चाहती है तो उनकी कुल संपत्ति 500 करोड़ रुपए होनी चाहिए.
कंपनी को खोलने होंगे कम से कम 100 पेट्रोल पंप
नए नियमों के मुताबिक, खुदरा लाइसेंस लेने वाली कंपनियों को कम से कम 100 पेट्रोल पंप खोलने होंगे और इनमें से 5% पेट्रोल पंप ग्रामीण क्षेत्रों में 5 साल के अंदर स्थापित करने होंगे. फ्रांस की कंपनी TotalEnergies ने अडानी ग्रुप के साथ मिलकर 1,500 पेट्रोल पंप खोलने के लिए अप्लाई किया था. वहीं BP ने भी रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ मिलकर पेट्रोल पंप खोलने की योजना बनाई है. इसके अलावा सऊदी अरब की कंपनी अरामको भी साथ मिलकर पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी कर रही है.