अगर आप भी बाइक या स्कूटर की टंकी हर बार पूरी भरवाते हैं, तो अब जरा सावधान हो जाइए. अक्सर लोग सोचते हैं कि टंकी फुल करवा लेने से बार-बार पेट्रोल पंप नहीं जाना पड़ेगा और समय बचेगा, लेकिन यही आदत आपकी गाड़ी के लिए मुसीबत बन सकती है.

कट के बाद जबरन पेट्रोल डलवाना भारी पड़ सकता है
पेट्रोल पंप पर जब मशीन “कट” कर देती है, तो इसका मतलब होता है कि टंकी जितना पेट्रोल संभाल सकती थी, वो भर चुका है. इसके बाद भी अगर आप ज़ोर देकर और पेट्रोल डलवाते हैं, तो टंकी के अंदर ज़रूरत से ज्यादा दबाव बन जाता है. इससे बाइक के फ्यूल सिस्टम पर असर पड़ता है और समय के साथ उसके पार्ट्स खराब होने लगते हैं.
EVAP सिस्टम हो सकता है खराब
बाइक्स में एक खास सिस्टम होता है EVAP यानी Evaporative Emission Control System. इसका काम होता है पेट्रोल की गैस को कंट्रोल करना ताकि वो हवा में ना फैले. लेकिन जब टंकी जरूरत से ज्यादा भर जाती है, तो ये गैसें सीधे इसी सिस्टम में चली जाती हैं और उसे जाम कर सकती हैं. नतीजा बाइक की माइलेज घट जाती है और प्रदूषण बढ़ता है.
गर्मी में रिसाव और आग लगने का खतरा
गर्मियों में पेट्रोल जल्दी वाष्प बन जाता है. अगर टंकी फुल है तो वो वाष्प बाहर निकल सकती है और रिसाव का खतरा बढ़ जाता है. इससे पेट्रोल बर्बाद होता है, और अगर कहीं आग लग गई तो जान-माल का नुकसान भी हो सकता है.
पेट्रोल की सीधी बर्बादी
कई बार “कट” लगने के बाद जबरन पेट्रोल डलवाने से पेट्रोल ओवरफ्लो होकर नीचे गिर जाता है. ये न सिर्फ बर्बादी है, बल्कि पैसे का नुकसान भी है. इसके अलावा, अगर टंकी की वेंटिलेशन (हवा निकलने की जगह) बंद हो जाए तो दबाव के कारण पेट्रोल बाहर भी निकल सकता है.
क्या करें, क्या न करें?
- बाइक की टंकी को 80–90% तक ही भरवाएं
- “कट” लगने के बाद और पेट्रोल डालने की ज़िद ना करें
- खासकर गर्मियों में ओवरफिलिंग से बचें
- हमेशा भरोसेमंद पेट्रोल पंप से ही पेट्रोल भरवाएं
- पेट्रोल की रसीद ज़रूर लें
थोड़ा पेट्रोल ज़्यादा लेने के चक्कर में अगर आपकी बाइक की सेहत बिगड़ जाए, तो नुकसान आपका ही होगा. इसलिए समझदारी इसी में है कि जितनी ज़रूरत हो, उतना ही पेट्रोल भरवाएं ना ज़्यादा, ना कम. स्मार्ट ड्राइवर वही है जो अपनी गाड़ी की जरूरत को समझे और उसे सही तरीके से चलाए.
