देश में शिक्षा का अधिकारी अधिनियम (RTE) 2009 के तहत देशभर के राज्यों में प्राइवेट स्कूल निम्न आय वर्ग (EWS) कोटे के तहत बच्चों को दाखिला देते हैं। इस नियम के तहत 6 से 14 साल तक के बच्चों को फ्री शिक्षा देने का प्रावधान किया गया है, हालाँकि कुछ राज्यों में EWS कोटे के बच्चों का एडमिशन के लिए प्राइवेट स्कूलों ने कक्षाएं निर्धारित कर दी थी।
इस मामले में राजस्थान सरकार द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए RTE के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश को सीमित करते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिसका असर अब बच्चों के एडमिशन पर दिखाई दे रहा है, तो चलिए जानते हैं इस मामले से जुडी पूरी जानकारी।

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला
बता दें, राजस्थान सरकार ने RTE के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए EWS कोटे से दाखिले के लिए कक्षाएं तय कर दी हैं। इससे अब RTE के तहत निशुल्क प्रवेश केवल पीपी-3 (पूर्व-प्राथमिक कक्षा यूकेजी) और कक्षा 1 में ही दिए जा सकेंगे। पूर्व प्राथमिक स्तर की अन्य कक्षाओं (जैसे पीपी-1, पीपी-2) यानी एलकेजी और यूकेजी -2 में अब फीस पुनर्भरण नहीं किया जाएगा।
क्यों किया गया बदलाव?
राज्य के प्राइवेट स्कूलों में अभी तक कक्षा एक में RTE के तहत बच्चों को EWS कोटे में एडमिशन के लिए इजाजत नहीं दी जा रही थी। स्कूलों का तर्क था की वह केवल नर्सरी की कक्षा में ही EWS कोटे में बच्चों को दाखिला देते हैं। वहीं राज्य के डेढ़ लाख से अधिक EWS कोटे के बच्चे दाखिले का इंतजार कर रहे थे, जिसे देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया।
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शिक्षा अधिकारियों को जारी किए निर्देश
इसके लिए सरकार की तरफ से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय सीताराम जाट ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश जारी कर दिया है की वह अपने क्षेत्र के निजी शिक्षण संस्थानों को सूचित करें की वह पीपी-3 और कक्षा 1 में ही RTE के तहत प्रवेश सुनिश्चित करें। इसके सतह ही यदि कोई निजी स्कूल RTE प्रवेश देने से मना करता है या इसके बदले फीस मांगता है, तो राजस्थान गैर-सरकारी शैक्षणिक अधिनियम के तहत उनपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
