अब सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण लागू, बदला 64 साल पुराना नियम, अब कोटा से मिलेगी नौकरी

देश की सबसे बड़ी अदालत में हुआ ऐतिहासिक बदलाव! 64 साल पुराने नियम में संशोधन कर अब सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण लागू कर दिया गया है। इसका सीधा असर नौकरियों पर पड़ेगा, और अब कई वर्गों के लिए खुलेंगे नए अवसर। जानिए इस फैसले का क्या होगा व्यापक असर और कौन-कौन होंगे इसके सबसे बड़े लाभार्थी!

By Pinki Negi

अब सुप्रीम कोर्ट में भी आरक्षण लागू, बदला 64 साल पुराना नियम, अब कोटा से मिलेगी नौकरी

भारत के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने स्टाफ की भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने की घोषणा की है। यह पहली बार है जब भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ और वर्तमान बीआर गवाई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट ने अपने गैर-न्यायिक कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में बड़ा बदलाव कर ओबीसी के लिए कोटा लागू किया है। हालांकि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक नियुक्तियों में केवल एससी और एसटी के लिए ही आरक्षण की व्यवस्था थी।

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1961 के सेवा नियमों में संशोधन

इस नए बदलाव को लेकर 3 जुलाई जो जारी एक गजत नोटिफिकेशन में बताया गया है की अनुछेद 146 (2) के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुख्य न्यायधीश ने 1961 सुप्रीम कोर्ट के ऑफिसर्स एंड सर्वेंट्स नियमों में संसोधन किया है। इसमें संशोधित किए गए नियम 44 के अनुसार अब सीधी भर्ती में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) के साथ-साथ ओबीसी, दिव्यांग, पूर्व सैनिक और स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को भी आरक्षण दिया जाएगा।

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क्या थे आरक्षण संबंधी नियम

अब तक सर्वोच्च न्यायालय में कर्मचारियों की नियुक्ति में केवल एससी, एसटी के लिए आरक्षण की व्यवस्था थी, लेकिन अब संशोधन के बाद ओबीसी वर्ग को भी न्यायली की स्टाफ नियुक्ति में अवसर मिल सकेगा। संशोधित नियम के अनुसार जिन पदों पर केंद्र सरकार द्वारा समय-समय पर आरक्षण संबंधी जो नियम-आदेश और अधिसूचनाएं जारी की जाती थी, अब सुप्रीम कोर्ट की सीधी भर्ती में भी वही लागू होगी। हालांकि इन नियमों में संसोधन या अपवाद की अनुमति मुख्य न्यायधीश पर होगी।

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क्या है आर.के सभरवाल बनाम पंजाब?

1995 में आर.के सभरवाल बनाम पंजाब राज्य मामले में पाँच न्यायधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले के आधार पर तय हुआ की सरकारी नौकरियों में आरक्षण रिक्तियों के आधार पर नहीं बल्कि पदों के आधार पर तय की जाएगी। इसके साथ ही सीधी भर्ती और पदोन्नति के लिए भी अलग-अलग रोस्टर होने चाहिए, एक बार कोई पोस्ट आरक्षित श्रेणी को आवंटित हो जाए तो वह स्थाई रूप से उसी श्रेणी की बनी रहेगी।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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