घर के बुजुर्गों के साथ किया गलत व्यवहार तो छिन जाएगी बच्चों से संपत्ति, बुजुर्ग कैसे करें शिकायत देखें

एक परिवार में माता -पिता और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे खास और अनमोल होता है. बचपन में हमारे माता -पिता हमारी सभी ज़रूरतें पूरी करते हैं और हमें ढेर सारा प्यार यार सुरक्षा देते है. लेकिन जब माता -पिता बूढ़े हो जाते हैं, तो उनकी देखभाल करना बच्चों की ज़िम्मेदारी होती है. यह उनका नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है. लेकिन कई लोग अपने बूढ़े मां-बाप को नज़रअंदाज़ करके अपनी ज़िम्मेदारियों से दूर चले जाते है और फिर वह अकेले रह जाते है.

By Pinki Negi

घर के बुजुर्गों के साथ किया गलत व्यवहार तो छिन जाएगी बच्चों से संपत्ति, बुजुर्ग कैसे करें शिकायत देखें
rights of senior citizens

एक परिवार में माता -पिता और बच्चे का रिश्ता दुनिया में सबसे खास और अनमोल होता है. बचपन में हमारे माता -पिता हमारी सभी ज़रूरतें पूरी करते हैं और हमें ढेर सारा प्यार यार सुरक्षा देते है. लेकिन जब माता -पिता बूढ़े हो जाते हैं, तो उनकी देखभाल करना बच्चों की ज़िम्मेदारी होती है. यह उनका नैतिक और सामाजिक कर्तव्य है. लेकिन कई लोग अपने बूढ़े मां-बाप को नज़रअंदाज़ करके अपनी ज़िम्मेदारियों से दूर चले जाते है और फिर वह अकेले रह जाते है.

कई उम्रदराज माता-पिता को यह पता नहीं होता है कि उनके पास भी कुछ कानूनी अधिकार हैं, जिसकी मदद से वे अपने बच्चों से हर महीने भरण -पोषण के लिए पैसे मांग सकते हैं. इतना ही नहीं वह अपनी संपत्ति को कानूनी तरीके से वापस भी ले सकती है.

सीनियर सिटीजन अपनी संपत्ति वापस ले सकते है ?

यदि कोई सीनियर सिटीजन अपने बच्चों या किसी और को अपनी संपत्ति देते हैं और बाद में वह उनकी ठीक से देखभाल नहीं करते हैं तो उस स्थिति में वह संपति वापस ले सकते हैं. मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन एक्ट 2007′ के तहत यह कानून है. इसके लिए सीनियर सिटीजन को न्यायाधिकरण में अर्जी लिखनी होगी, उसके बाद बच्चों का मालिकाना हक रद्द करके उसे दुबारा से माता -पिता को दे दिया जाता है.

पेरेंट्स की देखभाल न करने पर क्या होगा ?

अगर कोई संतान अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने से मना करते है या उनके साथ बुरा बर्ताव करता है, तो इसे इसे घरेलू हिंसा माना जा सकता है. इस केस में कोर्ट उस संतान को घर छोड़ने का निर्देश देते है. इतना ही नही अगर ये साबित होता है कि संतान ने अपराध किया है, तो उसे 3 साल तक की जेल भी हो सकती है.

क्या सिर्फ सगे बेटे की होती है जिम्मेदारी ?

कानून के मुताबिक कोई भी माता-पिता अपनी देखभाल और जरूरतों के लिए अपने बेटे या बेटी दोनों से मदद मांग सकते हैं . इसके अल्व अगर माता -पिता की अपनी कोई संतान नहीं है लेकिन कोई और व्यक्ति (जैसे बहू या दामाद) उनकी संपत्ति का इस्तेमाल कर रहा है, तो उन्हें भी माता-पिता की देखभाल करनी पड़ सकती है.

बुजुर्ग माता -पिता के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत, यह कानून इन लोगों पर लागू होता है

  • सगे बेटे और बेटियां
  • गोद लिए हुए बच्चे
  • सौतेले बेटे और बेटियां










Author
Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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