
उत्तर कोरिया में हाल ही में हुए एक महत्वपूर्ण सैन्य कार्यक्रम, विध्वंसक युद्धपोत (डिस्ट्रॉयर शिप) के जलावतरण-ceremony के दौरान एक बड़ी विफलता सामने आई है, जिसने न केवल तकनीकी क्षमता पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि देश के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की प्रतिष्ठा को भी प्रभावित किया है। 5,000 टन वजनी इस डिस्ट्रॉयर शिप को जब समुद्र में उतारा जा रहा था, तभी यह क्षतिग्रस्त हो गया और पानी में झुककर आंशिक रूप से डूब गया।
घटना के समय किम जोंग उन स्वयं जलावतरण कार्यक्रम में मौजूद थे और उन्होंने इस विफलता पर तीव्र नाराजगी जाहिर की। उन्होंने इसे आपराधिक लापरवाही का मामला बताते हुए तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। इस हादसे के बाद उत्तर कोरियाई अधिकारियों ने शिपयार्ड के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हिरासत में ले लिया है, जिनमें चोंगजिन शिपयार्ड के मुख्य अभियंता, निर्माण कार्यशाला प्रमुख और प्रशासनिक उप-प्रबंधक शामिल हैं।
किम की रणनीति और नौसैनिक शक्ति का विस्तार
किम जोंग उन का फोकस पिछले कुछ वर्षों में नौसेना की शक्ति को बढ़ाने पर रहा है। अमेरिका और दक्षिण कोरिया जैसी सैन्य शक्तियों के मुकाबले उत्तर कोरिया लगातार अपने सैन्य ढांचे और हथियार प्रणालियों को अपडेट कर रहा है। पिछले महीने ही देश ने अपने पहले उन्नत विध्वंसक युद्धपोत का सफलतापूर्वक जलावतरण किया था, जिसे परमाणु मिसाइल और अन्य हथियारों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यह नया डिस्ट्रॉयर, जो देश का अब तक का सबसे बड़ा और आधुनिक युद्धपोत माना जा रहा है, उसी दिशा में एक बड़ा कदम था। लेकिन इस दुर्घटना ने उस महत्वाकांक्षी परियोजना पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना के बाद की कार्रवाई और आधिकारिक बयान
उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (KCNA) ने रिपोर्ट किया कि हादसे की जांच की जा रही है। चोंगजिन शिपयार्ड के प्रमुख हांग किल हो को तलब किया गया है और यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस “अक्षम्य आपराधिक कृत्य” के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि, KCNA ने यह भी दावा किया है कि युद्धपोत को गंभीर नुकसान नहीं पहुंचा है। एजेंसी के अनुसार, पोत के निचले हिस्से में कुछ खरोंचें आई हैं और उसमें समुद्र का थोड़ा-बहुत पानी घुस गया था। इसे निकालने और पोत की मरम्मत के लिए केवल 10 दिन की आवश्यकता बताई गई है।