
चीन में वैज्ञानिकों ने मिलकर एक नया उपकरण बनाया है जो बिजली के तारों में छोटे से छोटे बदलाव को भी बिना छुए बता सकता है। यह उपकरण गोल आकार का है और इसमें असली हीरे के सेंसर लगे हैं, इसलिए इसे “डायमंड रिंग” कहते हैं। सुनने में यह अजीब लग सकता है कि बिजली के खंभों पर हीरे की रिंग लग रही है, लेकिन तकनीकी रूप से यह बहुत ही कमाल की चीज़ है।
क्या है डायमंड रिंग और कैसे काम करता है ये क्वांटम डिवाइस?
यह डायमंड रिंग असल में नाइट्रोजन-वैकेंसी (NV) तकनीक पर आधारित एक क्वांटम सेंसर सिस्टम है। इस तकनीक का उपयोग हीरे के भीतर मौजूद सूक्ष्म कणों की क्वांटम प्रॉपर्टीज़ को रीड करने के लिए किया जाता है। डिवाइस में चार सेंसर एक गोल ढांचे में लगे होते हैं जो आस-पास के चुंबकीय क्षेत्र में 0.05% तक के बेहद सूक्ष्म बदलावों को भी पहचान सकते हैं – वह भी किसी भी तापमान पर, चाहे वह -40°C हो या 85°C।
इन सेंसरों को बिजली की लाइन को छुए बिना उस पर बह रही विद्युत तरंगों के इर्द-गिर्द उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र का रियल टाइम में विश्लेषण करने के लिए डिजाइन किया गया है। जैसे ही सिस्टम में कोई असामान्य गतिविधि होती है – जैसे शॉर्ट सर्किट, फॉल्ट या वोल्टेज में अचानक उतार-चढ़ाव – ये सेंसर तुरंत अलर्ट जारी कर देते हैं, जिससे बड़ी दुर्घटना होने से पहले ही उसे रोका जा सकता है।
रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के युग में यह तकनीक क्यों है अहम?
दुनिया तेजी से Renewable Energy जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा की ओर बढ़ रही है, लेकिन इनके साथ सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इनका उत्पादन मौसम पर निर्भर करता है। सूरज ढलते ही सौर ऊर्जा खत्म हो जाती है, और तेज़ हवा बंद होते ही पवन टरबाइन रुक जाते हैं। इससे बिजली ग्रिड में असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे ब्लैकआउट जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
अप्रैल 2024 में स्पेन, पुर्तगाल और फ्रांस जैसे यूरोपीय देशों में एक साथ बिजली गायब हो गई थी। इसी तरह का मामला चीन के शिनजियांग प्रांत में भी सामने आया था। ऐसे में डायमंड रिंग जैसी तकनीकें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं, जो Grid को स्थिर बनाए रखने में मदद करें और समय रहते सिस्टम को खतरे से आगाह कर सकें।
चीन की भविष्य की तैयारी
चीन सिर्फ डायमंड रिंग तक ही सीमित नहीं है। हाल ही में उसने एक और हाई-एंड क्वांटम सेंसर लॉन्च किया है जो ±800kV की अल्ट्रा हाई वोल्टेज लाइन की निगरानी कर सकता है। इसकी खास बात यह है कि यह -40°C से 85°C तक के तापमान में काम करता है, यानी इसका इस्तेमाल किसी भी मौसम में और किसी भी भौगोलिक क्षेत्र में किया जा सकता है।
इसका मतलब है कि चीन न सिर्फ आज की, बल्कि आने वाली पीढ़ियों की ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित और स्थिर बनाए रखने के लिए भविष्य की तकनीक अपना रहा है। डायमंड रिंग जैसे उपकरण आधुनिक पावर ग्रिड को स्मार्ट और प्रेडिक्टिव बना रहे हैं – जो ना केवल खतरे को पहचानते हैं बल्कि उससे पहले ही निपटने की तैयारी भी करते हैं।