
सिंगापुर में आयोजित वार्षिक सुरक्षा सम्मेलन ‘शांगरी-ला डायलॉग’ के दौरान अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों पर गंभीर चिंता जताई, उन्होंने कहा कि चीन एशिया में अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए बड़े सैन्य अभियान की तैयारी में है, और ताइवान उसका पहला निशाना हो सकता है। हेगसेथ ने यह भी कहा कि चीन हर दिन युद्ध की तैयारी कर रहा है और उसका उद्देश्य केवल क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक प्रभुत्व हासिल करना है।
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ताइवान पर हमले की आशंका और अमेरिका की प्रतिक्रिया
हेगसेथ ने चेतावनी दी कि चीन की सेना ताइवान पर कब्जा करने के लिए सैन्य अभ्यास कर रही है। उन्होंने कहा कि चीन की यह तैयारी केवल दिखावा नहीं है, बल्कि वह किसी भी समय हमला कर सकता है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि वह अपने सहयोगी देशों के साथ खड़ा रहेगा और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता
चीन ने दक्षिण चीन सागर के विवादित जलमार्गों पर अपना दावा ठोकते हुए वहां सैन्य अभ्यास तेज कर दिए हैं। इस क्षेत्र से दुनिया के 60 प्रतिशत समुद्री व्यापार का आवागमन होता है, और चीन की गतिविधियों से क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा है। हाल के महीनों में फिलीपीन्स और चीन के बीच इस क्षेत्र में कई बार तनाव बढ़ चुका है।
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भारत और अन्य एशियाई देशों से अमेरिका की अपील
हेगसेथ ने भारत, जापान और फिलीपीन्स जैसे देशों से अपील की कि वे अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाएं और रक्षा खर्चों में वृद्धि करें ताकि चीन की आक्रामक नीतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सके। उन्होंने कहा कि अमेरिका इन देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है।
चीन की साइबर हमलों और तकनीकी प्रगति पर चिंता
चीन की आक्रामक रणनीति में साइबर हमले और तकनीकी प्रगति भी शामिल हैं। अमेरिका के एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने चेतावनी दी है कि चीनी हैकर्स अमेरिकी बुनियादी ढांचे पर हमला करने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि यह खतरा वास्तविक है और चीन की यह रणनीति अमेरिका की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती है।
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अमेरिका की रणनीतिक प्रतिक्रिया
अमेरिका ने चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए अपने सहयोगी देशों के साथ रक्षा साझेदारी को मजबूत करने का निर्णय लिया है। अमेरिका ने फिलीपीन्स जैसे देशों के साथ सैन्य साझेदारी को मजबूत कर रहा है और चीन की एआई टेक्नोलॉजी तक पहुंच को सीमित करने के लिए टैरिफ वॉर शुरू किया है।