जाम से मिलेगी राहत, कांवड़ यात्रा से पहले शुरू होगा चंडीघाट का नया पुल, वाहन दौड़ेंगे तेजी से

नया चंडीघाट पुल हरिद्वार अब कांवड़ मेला 2025 से पहले शुरू होने की कगार पर है। तकनीकी खामियों के कारण रुका यह प्रोजेक्ट अब मरम्मत के अंतिम चरण में है। पुल चालू होने से उत्तर प्रदेश, गढ़वाल और कुमाऊं से हरिद्वार आने-जाने वालों को राहत मिलेगी, और कांवड़ मेला के दौरान ट्रैफिक की समस्या काफी हद तक सुलझ जाएगी।

By GyanOK

जाम से मिलेगी राहत, कांवड़ यात्रा से पहले शुरू होगा चंडीघाट का नया पुल, वाहन दौड़ेंगे तेजी से
Haridwar Bridge

चंडीघाट पुल-Haridwar Bridge को लेकर फरवरी 2025 में जब निर्माण कार्य पूरा हुआ, तो लोगों में उम्मीद थी कि अब उत्तर प्रदेश, कुमाऊं और गढ़वाल को हरिद्वार से जोड़ने वाला नया रास्ता खुल जाएगा। लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के तुरंत बाद इसमें गंभीर टेक्निकल फॉल्ट आ गया, जिससे पुल का उद्घाटन लगातार टलता रहा। अब एनएचएआई-NHAI ने आश्वासन दिया है कि कांवड़ मेला 2025 से पहले पुल पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी, जिससे यात्रियों को भारी राहत मिलेगी।

तकनीकी कमी ने रोकी शुरुआत

फरवरी में जब नया चंडीघाट पुल बनकर तैयार हुआ, तो पुल के चंडीघाट चौक की ओर स्थित एबटमेंट पिलर बैठ गया। इसके साथ ही पुल के गार्डर की चौड़ाई अपेक्षा से कम पाई गई, जिससे गंगा के ऊपर पुल का एक सिरा धंसने का खतरा बन गया। यह एक बड़ा इंजीनियरिंग फॉल्ट था, जिससे पुल की संरचना पर सवाल उठने लगे। आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से परामर्श लेकर एनएचएआई ने इसकी तकनीकी मरम्मत का खाका तैयार किया।

मरम्मत कार्य अंतिम चरण में

वर्तमान में पुल के चंडीघाट चौक वाले हिस्से में नई रिटेनिंग वॉल और स्लैब का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है। एनएचएआई के अनुसार, 15 जून 2025 तक सभी निर्माण और मरम्मत कार्य पूरे कर लिए जाएंगे, जिसके बाद पुल की टेस्टिंग की जाएगी। यदि सबकुछ योजनानुसार हुआ, तो जुलाई के पहले सप्ताह में वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।

कांवड़ मेला 2025 के लिए महत्वपूर्ण कड़ी

10 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक चलने वाले कांवड़ मेले में हर साल करोड़ों श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचते हैं। अंतिम दिनों में डाक कांवड़ के वाहनों के कारण हाईवे पर अत्यधिक ट्रैफिक होता है, जिससे पुलिस और यातायात विभाग को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नया पुल चालू हो जाने से इन समस्याओं में उल्लेखनीय कमी आएगी। इससे हरिद्वार के मध्य और उत्तरी हिस्सों के बीच संपर्क बहाल होगा और चंडीघाट चौक पर जाम की समस्या से राहत मिलेगी।

पुराने पुल पर दबाव होगा कम

हरिद्वार में पहले से मौजूद पुराना चंडीघाट पुल अब तक उत्तर प्रदेश, गढ़वाल, कुमाऊं और दिल्ली की ओर से आने-जाने वाले भारी वाहनों का भार झेल रहा है। नए पुल के शुरू होते ही यह दबाव बंट जाएगा और पूरे क्षेत्र में ट्रैफिक मैनेजमेंट आसान हो जाएगा। यह न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि स्थानीय निवासियों और व्यापारियों के लिए भी लाभकारी सिद्ध होगा।

एनएचएआई की पहल और भविष्य की योजना

एनएचएआई नजीबाबाद की पीडी वंदिता के अनुसार, पुल की संरचनात्मक समस्याओं को ठीक करने के लिए विभागीय स्तर पर गहन विचार विमर्श हुआ है। इंजीनियरिंग त्रुटियों को सुधारकर उसे सुरक्षित बनाया जा रहा है। उनकी टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि यह पुल कांवड़ मेला शुरू होने से पहले पूरी तरह से तैयार हो जाए।

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