
अब विद्युत वितरण विभाग ने बिजली उपभोक्ताओं पर शिकंजा कसते हुए स्मार्ट मीटर पोर्टल की नई व्यवस्था लागू कर दी है। इसके तहत बकाया बिजली बिल होने पर विभागीय अधिकारी अब उपभोक्ताओं के घर नहीं जाएंगे, बल्कि सीधे पोर्टल से ही बिजली कनेक्शन डिस्कनेक्ट कर देंगे। यानी अब लाइमैन की सीढ़ी, मौके की जांच और बहस का दौर इतिहास बन गया है। यह कदम खास तौर पर उन उपभोक्ताओं पर कड़ा संदेश है, जो जानबूझकर बिजली बिल लंबित रखते हैं।
अब उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति बंद होने की स्थिति में सीधे नजदीकी उप केंद्र जाकर बिल जमा करने की रसीद दिखानी होगी, जिसके बाद उनकी आपूर्ति ऑटोमेटिक रूप से पुनः शुरू कर दी जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और रियल टाइम पर आधारित है।
अब तक हजारों उपभोक्ताओं का कटा कनेक्शन
नई प्रणाली के लागू होते ही लगभग एक हजार बकायेदारों की बिजली आपूर्ति स्मार्ट मीटर पोर्टल के माध्यम से काटी जा चुकी है। अब उपभोक्ता के बिल की स्थिति जानने के लिए बस उसके कनेक्शन नंबर को पोर्टल पर दर्ज करना होता है। इसके बाद बकाया राशि की पुष्टि होते ही बिजली कार्यालय से ही आपूर्ति बंद कर दी जाती है।
इस व्यवस्था से न सिर्फ विभाग का समय और संसाधन बचता है, बल्कि उन उपभोक्ताओं पर नियंत्रण पाया जा सकता है जो बार-बार चेतावनी के बावजूद बिल नहीं भरते। पहले की व्यवस्था में उपभोक्ता के घर जाकर चेकिंग होती थी और भुगतान न होने पर लाइनमैन द्वारा सीढ़ी लगाकर कनेक्शन काटा जाता था। इस प्रक्रिया में कई बार विवाद और झगड़े की नौबत आ जाती थी, जिससे अब निजात मिल रही है।
एनआईसी कार्ड से होती है पूरी निगरानी
इस बदलाव के पीछे तकनीकी बुनियाद एनआईसी कार्ड है – यानी नेटवर्क इंटरफेस सिस्टम, जो हर स्मार्ट मीटर में फिट होता है। इससे जुड़े उपभोक्ताओं की रीडिंग, लोड, खपत और बिल भुगतान की जानकारी विभाग को ऑनलाइन मिलती रहती है। शहर में अब तक लगभग 20 हजार स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी 5000 से अधिक मीटर सक्रिय हैं।
जिन उपभोक्ताओं के बकाया बिजली बिल की राशि ₹10,000 या उससे अधिक है, उनका कनेक्शन तुरंत ऑफिस से ही डिसकनेक्ट किया जा रहा है। इसके लिए किसी टीम को भेजने की आवश्यकता नहीं रही।