
यदि आप उत्तरप्रदेश के बिजली उपभोक्ता है तो आपको एक बड़ा झटका लगने वाला है. उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव में लगभग 30% बिजली की दरों में वृद्धि होगी. ये अब तक की सबसे बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है. अब बिजली की दरें 25-30% तक बढ़ सकती हैं. इस बढोतरी का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. जानकारी के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में 40-45% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. वहीं शहरी घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को भी 35-40% अधिक भुगतान करना पड़ सकता है.
इसके अलावा UPPCL ने बिजली के निजीकरण के बारे में नियामक आयोग से राय मांगी है, जिससे अब विद्युत नियामक आयोग पर भी सवाल उठने लगे हैं.
UP में मंहगी हो सकती है बिजली
अभी तक यूपी में बिजली की दरें काफी कम थी, लेकिन अब बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी चल रही है. अगर बिजली नियामक आयोग ने विभाग के प्रस्ताव को मान लिया, तो आम नागरिकों को बिजली लेने के लिए ज्यादा पैसे देने होंगे. विभाग ने बताया कि राज्य में लगभग 54.24 लाख उपभोक्ताओं ने अभी तक अपना एक भी बिजली बिल नहीं भरा है, जिस वजह से 36,353 करोड़ रुपये का भारी-भरकम बकाया जमा हो गया है. वहीं 78.65 लाख उपभोक्ताओं ने पिछले 6 महीनों से अपना बिजली बिल नहीं भरा है, जिससे सरकार पर 36,117 करोड़ रुपये बकाया हैं. इस बकाया राशि को देखते हुए दरों में वृद्धि करनी पड़ रही है.
UPPCL को हो रहा है घाटा
UPPCL ने बिजली आयोग से अनुरोध किया है वह खर्चों के आधार पर बिजली की कीमतें तय करें. UPPCL ने बताया कि 2023-24 में उन्हें कुल 1,07,209 करोड़ का खर्चा हुआ, जबकि आय केवल 67,955 करोड़ रही. इस तरह, उन्हें 39,254 करोड़ का नुकसान हुआ. राज्य सरकार ने इस नुकसान की भरपाई के लिए 19,494 करोड़ की सब्सिडी दी, लेकिन फिर भी 5,910 करोड़ का घाटा बना रहा.
इसके अलावा मार्च 2025 तक UPPCL का कुल घाटा 1 लाख 10 हजार करोड़ से भी ज्यादा हो गया है. घाटे की वजह से UPPCL चाहता है कि बिजली की दरें इस हिसाब से तय की जाएं कि उन्हें नुकसान न हो.