उत्तर प्रदेश की ‘बाबा सरकार’ अब टियर-2 शहरों के विकास के लिए पूरी तरह तैयार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य सरकार ने मेरठ, मथुरा और कानपुर जैसे बड़े शहरों को एक नई पहचान देने के लिए ₹30,000 करोड़ तक का भारी निवेश करने की तैयारी कर ली है।
योगी सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज और वाराणसी जैसे शहरों की तरह अन्य शहरों को भी आधुनिक बुनियादी ढांचे और स्मार्ट सुविधाओं से लैस करने पर केंद्रित है।

बजट में हुई थी घोषणा, अब आएगा योगी सरकार का एक्शन प्लान
इस परियोजना की घोषणा वित्त वर्ष 2025-26 के बजट भाषण के दौरान खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। यह योजना केवल शहरी सौंदर्यीकरण तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि रोजगार, निवेश और ट्रैफिक समाधान जैसे कई पहलुओं को एक साथ लेकर चलेगी।
सरकार का उद्देश्य है कि आने वाले 5 वर्षों में 20,000 से 35,000 करोड़ रुपये तक का निवेश इन शहरों में किया जाए। इसके लिए एक प्रस्ताव अगले सप्ताह मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
CM कार्यालय रखेगा विकास कार्यों पर सीधी नजर
इस बार राज्य सरकार ने विकास परियोजनाओं को केवल नगर निगमों या स्थानीय एजेंसियों के भरोसे नहीं छोड़ा है। बल्कि मुख्यमंत्री कार्यालय खुद इन कार्यों की निगरानी करेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य विभिन्न विभागों में बेहतर समन्वय बनाकर योजनाओं को तेजी और पारदर्शिता के साथ लागू करना है।
मेरठ से होगी शुरुआत, मथुरा और कानपुर की बारी बाद में
सबसे पहले विकास कार्यों की शुरुआत मेरठ से की जाएगी, जहां सड़क निर्माण, जल निकासी, ट्रैफिक मैनेजमेंट और फ्लाईओवर निर्माण जैसी योजनाओं को प्राथमिकता दी गई है। इसके बाद मथुरा और कानपुर की परियोजनाएं चरणबद्ध तरीके से अमल में लाई जाएंगी।
इन क्षेत्रों में होगा सबसे ज्यादा निवेश
- नई और चौड़ी सड़कों का निर्माण
- स्मार्ट ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम
- बेहतर ड्रेनेज और सीवरेज नेटवर्क
- फ्लाईओवर और अंडरपास
- स्मार्ट पार्किंग और लाइटिंग व्यवस्था
- हरित क्षेत्र और शहरी सुविधाओं का विस्तार
प्रेरणा बने अयोध्या, प्रयागराज और गोरखपुर
पिछले वर्षों में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, प्रयागराज में कुंभ आयोजन और गोरखपुर में मेडिकल एवं इंडस्ट्रियल विकास जैसे उदाहरणों से सरकार को प्रेरणा मिली है। इन्हीं अनुभवों के आधार पर अब राज्य के अन्य शहरों को भी समान विकास मॉडल से जोड़ा जाएगा।
जनता की उम्मीदें बढ़ीं, निवेशकों की नजरें टिकीं
सरकार के इस कदम से न केवल स्थानीय जनता में उम्मीद की लहर दौड़ गई है, बल्कि राज्य में निवेशकों की रुचि भी बढ़ने की संभावना है। विकास कार्यों से इन शहरों में औद्योगिक विस्तार और स्थानीय रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय केवल एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि ‘नए यूपी’ की नींव रखने जैसा है। अगर योजना समय पर और प्रभावी तरीके से लागू होती है, तो मेरठ, मथुरा और कानपुर जैसे शहरों की पहचान स्मार्ट और सक्षम शहरों के रूप में स्थापित हो सकती है।