Ration Card: ई-केवाईसी के नाम पर बड़ा खेल! राशन कार्ड धारकों को डीलरों ने ठगा, राशन कर गए पार

इस लेख में मई महीने में राशन वितरण में हुई अनियमितताओं का खुलासा किया गया है, जिसमें ई-केवाईसी पूरी न होने के बहाने डीलरों ने राशन कम बांटा। यह स्थिति प्रशासन की निष्क्रियता और डीलरों की मनमानी को दर्शाती है। 3.96 लाख यूनिट की ई-केवाईसी अब तक बाकी है, जिससे हजारों परिवार प्रभावित हो रहे हैं। आवश्यक है कि इस पर सख्त जांच और कार्रवाई की जाए।

By GyanOK

Ration Scam
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Ration Card: मई में राशन वितरण के दौरान ई-केवाईसी (e-KYC) के बहाने राशन की घटतोली का मामला लगातार सामने आ रहा है। महरूनिशा और प्रेमवीर जैसे दर्जनों कार्डधारकों को उनके हक का पूरा राशन नहीं मिला। पर्चियों पर यूनिट के अनुसार पूरा राशन दर्शाया गया, लेकिन डीलरों ने उतना ही अनाज दिया, जितने यूनिट की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी थी। इस खेल में नोडल अधिकारियों और पूर्ति विभाग की निष्क्रियता ने हालात और बिगाड़ दिए।

ई-केवाईसी (e-KYC) की समयसीमा और डीलरों की मनमानी

भारत सरकार द्वारा राशन कार्डधारकों के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दी गई है, जिसकी पहली समयसीमा 30 अप्रैल थी। लेकिन बड़ी संख्या में यूनिट्स की ई-केवाईसी नहीं होने के कारण इसे आगे बढ़ा दिया गया। इसके बावजूद डीलरों ने इस नई जानकारी को कार्डधारकों तक नहीं पहुंचाया। नतीजा यह हुआ कि जिन परिवारों की पूरी ई-केवाईसी नहीं हो पाई, उन्हें अधूरा राशन देकर चलता कर दिया गया। खास बात यह रही कि इस दौरान नोडल अधिकारी भी वितरण स्थलों पर नजर नहीं आए, जबकि डीएम द्वारा उनकी ड्यूटी तय की गई थी।

पर्ची पर पूरा राशन, हाथ में अधूरा अनाज

कार्डधारकों का कहना है कि पर्ची पर तो राशन की पूरी मात्रा दर्शाई गई, लेकिन जब राशन तौला गया, तो वजन कम था। प्रेमवीर के मामले में राशन तौलते समय 25 किलो दिखाया गया, लेकिन हाथ में थमाए गए सिर्फ 15 किलो। महरूनिशा को भी सात सदस्यों की यूनिट होने के बावजूद सिर्फ चार यूनिट का राशन मिला। डीलरों का सीधा तर्क था—”ई-केवाईसी नहीं हुई तो ऊपर से राशन बंद है।”

जिले में 3.96 लाख यूनिट्स की नहीं हुई ई-केवाईसी

पूर्ति विभाग के ताजे आंकड़ों के अनुसार, जिले में कुल 19.55 लाख यूनिट्स हैं। इनमें से लगभग 3.96 लाख यूनिट्स की अब तक ई-केवाईसी पूरी नहीं हो पाई है। यदि इन यूनिट्स से जुड़े कार्डधारकों को अधूरा राशन दिया जा रहा है, तो यह गंभीर अनियमितता है। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि “हमारे पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है” और जांच कराई जाएगी, लेकिन जमीनी हकीकत इससे अलग है।

ई-केवाईसी की आड़ में कालाबाजारी का खुला खेल

राशन डीलर ई-केवाईसी का हवाला देकर यूनिट घटा रहे हैं और अतिरिक्त राशन को कालाबाजार में बेचने की आशंका जताई जा रही है। यदि सही तरीके से जांच हो, तो यह उजागर किया जा सकता है कि अधूरी ई-केवाईसी की सूची को कैसे डीलरों ने मनमानी के लिए हथियार बना लिया।

FAQs

प्रश्न: क्या ई-केवाईसी नहीं कराने पर राशन पूरी तरह रुक जाएगा?

उत्तर: नहीं, सरकार ने साफ कहा है कि राशन नहीं रोका जाएगा। समय सीमा बढ़ा दी गई है।

प्रश्न: पर्ची में पूरा राशन दिखने के बावजूद कम क्यों मिला?

उत्तर: डीलर यूनिट के अनुसार ई-केवाईसी की गई संख्या के आधार पर राशन दे रहे हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।

प्रश्न: शिकायत कहां करें अगर कम राशन मिले?

उत्तर: जिला पूर्ति कार्यालय या स्थानीय नोडल अधिकारी को लिखित शिकायत दी जा सकती है। जनसुनवाई पोर्टल का भी उपयोग किया जा सकता है।

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