
दक्षिणांचल के उपभोक्ताओं पर वर्षों पुराने बिजली बिलों का बोझ अब शायद हल्का हो सकता है। टोरंट पावर द्वारा भेजे जा रहे नोटिसों के कारण उपभोक्ता वर्षों पुराने बिलों की तलाशी में परेशान हैं, और नए बिजली कनेक्शन के लिए जूझ रहे हैं। इसी गंभीर मुद्दे पर हाल ही में प्रभारी एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें दक्षिणांचल के पुराने बकायों को माफ करने पर विचार किया गया।
बैठक के दौरान मंत्री ने ज़िलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे ऐसे पुराने उपभोक्ताओं की पहचान कर एक प्रस्ताव तैयार करें, जिसे मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। यह संकेत एक बड़ी राहत की ओर इशारा करता है, जिससे हजारों उपभोक्ताओं को पुराने बिजली बिलों की चिंता से छुटकारा मिल सकता है।
टोरंट पावर और 2200 करोड़ का बकाया
वर्तमान में टोरंट पावर पर वर्ष 2008-09 से दक्षिणांचल का लगभग 2200 करोड़ रुपये बकाया है। इसी बकाया की वसूली के लिए कंपनी लगातार पुराने उपभोक्ताओं को नोटिस भेज रही है। भाजपा विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल ने इस मुद्दे को मंत्री के समक्ष उठाया और कहा कि यह उत्पीड़न जैसा है, क्योंकि जिन उपभोक्ताओं के पूर्वजों पर बकाया था, अब उनके पौत्रों को भी कनेक्शन नहीं मिल रहा। इतना ही नहीं, बिजली कनेक्शन देने से पहले 40 साल पुराने रिकार्ड भी मांगे जा रहे हैं।
बिल माफी का प्रस्ताव और राहत की उम्मीद
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए ज़िलाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को राहत देने हेतु बिल माफी का प्रस्ताव तैयार किया जाए। इसके साथ-साथ टोरंट पावर से यह भी आग्रह किया गया कि 1 से 3 किलोवॉट तक के कनेक्शन देने में उदारता बरती जाए। यदि शासन स्तर पर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह कदम हजारों परिवारों को नए सिरे से ऊर्जा देने का काम करेगा।
अन्य प्रशासनिक कार्य और राहत वितरण
बैठक से पहले पर्यटन मंत्री ने सर्किट हाउस में दैवीय आपदा से प्रभावित 43 लोगों को 11.26 लाख रुपये का मुआवजा वितरित किया। इसके अलावा, बेसिक शिक्षा विभाग के स्मार्ट क्लास, लैब, और डिजिटल लाइब्रेरी का उद्घाटन भी हुआ, जिसमें डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में सहायता राशि भेजी गई। निपुण विद्यालयों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रमाणपत्र भी सौंपे गए।
हेलिकॉप्टर सेवा पर भी कसा शिकंजा
बैठक के दौरान ब्रज हवाई दर्शन योजना के अंतर्गत हेलिकॉप्टर सेवा प्रदान करने वाली कंपनी को भी नोटिस भेजा गया। यह सेवा दिसंबर 2024 में शुरू होनी थी, पर डेढ़ साल बीतने के बाद भी कोई उड़ान नहीं भरी गई। इस लापरवाही पर पर्यटन विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।
शिवाजी स्मारक और म्यूजियम की प्रगति
पर्यटन मंत्री ने जानकारी दी कि शिवाजी म्यूजियम, जो दिसंबर 2025 तक तैयार किया जाना है, के लिए 198 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है। साथ ही, कोठी मीना बाजार में शिवाजी स्मारक निर्माण हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है, जो ब्रज क्षेत्र के सांस्कृतिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।