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किसानों के लिए बड़ी राहत! अब खेतों में नहीं घुसेंगे आवारा पशु – सरकार ने शुरू की सोलर फेंसिंग योजना

झांसी और पूरे बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा से त्रस्त किसानों को अब सोलर फेंसिंग स्कीम से राहत मिल रही है। सरकार की 80% सब्सिडी से सोलर फेंसिंग सिस्टम लगाना अब आसान हो गया है, जो फसल को सुरक्षित रखता है और पशुओं को नुकसान नहीं पहुँचाता। पर्यावरण के अनुकूल यह तकनीक किसानों के लिए कम लागत में एक प्रभावी और स्थायी समाधान प्रस्तुत करती है।

By Manju Negi

सोलर फेंसिंग योजना: बुंदेलखंड खासकर झांसी में, अन्ना प्रथा बड़ी परेशानी बन गई है। इसका मतलब है कि लोग अपने पालतू जानवरों को सड़कों और खेतों में खुला छोड़ देते हैं। ये जानवर लोगों के लिए खतरनाक हैं और किसानों की फसलें भी बर्बाद कर रहे हैं। सड़कों पर इनकी वजह से एक्सीडेंट हो रहे हैं, और किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए रात भर खेतों में जागना पड़ता है। अब इस समस्या का हल टेक्नोलॉजी से निकलने की उम्मीद है।

किसानों के लिए बड़ी राहत! अब खेतों में नहीं घुसेंगे आवारा पशु – सरकार ने शुरू की सोलर फेंसिंग योजना
Solar Fencing

शुरू हुई सोलर फेंसिंग योजना

किसानों की इस ज्वलंत समस्या को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने सोलर फेंसिंग योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को अपने खेतों की चारदीवारी के रूप में सोलर पावर्ड फेंसिंग उपलब्ध कराना है ताकि आवारा पशुओं को खेत में घुसने से रोका जा सके।

इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को 80% तक की सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिससे वे कम लागत में यह उन्नत तकनीक अपना सकें। यह सोलर फेंसिंग सिस्टम विशेष तारों से निर्मित होता है, जिसमें हल्का विद्युत प्रवाह रहता है जो पशुओं को मामूली झटका देता है। यह झटका उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाता लेकिन खेत में घुसने से रोकता है।

इसके अतिरिक्त, इस सिस्टम में अलार्म सिस्टम भी जोड़ा गया है जो जैसे ही कोई पशु पास आता है, तेज आवाज करता है। किसान इसे अपने घर पर लगाकर खेतों की निगरानी कर सकते हैं।

कम लागत, अधिक सुरक्षा

तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह Renewable Energy पर आधारित प्रणाली किसानों के लिए बेहद किफायती और प्रभावशाली है। यह इको-फ्रेंडली तकनीक दिन में सूरज की रोशनी से चार्ज होती है और रात में भी कार्यरत रहती है।

एक एकड़ खेत में यह सिस्टम सिर्फ 2000 रुपए में लगाया जा सकता है, जो किसानों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे उनकी मेहनत, समय और पूंजी तीनों की बचत होती है। इसके जरिए वे अपनी फसल की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और साथ ही आवारा पशुओं को नुकसान पहुँचाए बिना खेत से दूर रख सकते हैं।

झांसी के किसानों की राय और सरकार की पहल

झांसी के किसान इस तकनीक को अपनाकर बेहद उत्साहित हैं। उनका मानना है कि इससे उन्हें अब रात में जागकर खेत की रखवाली नहीं करनी पड़ेगी और उनकी नींद के साथ-साथ फसल दोनों सुरक्षित रहेंगे। यह योजना धीरे-धीरे पूरे बुंदेलखंड में फैल रही है और उम्मीद है कि आने वाले समय में यह क्षेत्र अन्ना प्रथा की समस्या से काफी हद तक निजात पा सकेगा।

प्रश्न: सोलर फेंसिंग सिस्टम क्या है?

उत्तर: यह एक तारों से बना सुरक्षा तंत्र है जो सूरज की ऊर्जा से चार्ज होकर खेत की सीमा पर आवारा पशुओं को हल्का झटका देता है और उन्हें खेत से दूर रखता है।

प्रश्न: क्या यह पशुओं को नुकसान पहुँचाता है?

उत्तर: नहीं, यह सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है और पशुओं को सिर्फ हल्का झटका देता है जिससे वे डरकर खेत में नहीं घुसते।

प्रश्न: क्या यह रात में भी काम करता है?

उत्तर: हां, यह सोलर चार्जिंग से दिन में ऊर्जा संग्रह करता है और रात में भी प्रभावी रूप से काम करता है।

Author
Manju Negi
अमर उजाला में इंटर्नशिप करने के बाद मंजु GyanOk में न्यूज टीम को लीड कर रही है. मूल रूप से उत्तराखंड से हैं और GyanOk नेशनल और राज्यों से संबंधित न्यूज को बारीकी से पाठकों तक अपनी टीम के माध्यम से पहुंचा रही हैं.

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