
बकरी पालन-Goat Farming आज के समय में केवल एक पारंपरिक पशुपालन गतिविधि नहीं रह गई, बल्कि यह अब एक उभरता हुआ व्यवसाय है जो किसानों की आय को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। मथुरा के फरह क्षेत्र स्थित केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (Central Institute for Research on Goats) में चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सरकार की ओर से मिल रही आर्थिक सहायता ने इसे एक सुनहरे अवसर में बदल दिया है।
सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के तहत किसान केवल दो लाख रुपये की पूंजी लगाकर 100 बकरियां और 5 बकरों का पालन शुरू कर सकते हैं। इस योजना में 18 लाख रुपये का लोन मिलता है, जिसमें 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी मिलती है। इसका सीधा लाभ यह है कि एक प्रशिक्षित किसान हर साल करीब नौ लाख रुपये तक की आमदनी कर सकता है।
बकरी पालन के पुनरुत्थान में अनुसंधान संस्थान की भूमिका
फरह के मखदूम गांव में स्थित केंद्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान देश भर में बकरी पालन को पुनर्जीवित करने का कार्य कर रहा है। संस्थान के पीआरओ पुष्पेंद्र शर्मा और दीपक कुमार के अनुसार, यह संस्थान हर वर्ष 10 राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है जिसमें देश के 24 राज्यों से किसान और कृषि वैज्ञानिक हिस्सा लेते हैं।
इन प्रशिक्षणों में नस्ल सुधार, पोषण और स्वास्थ्य प्रबंधन, कृत्रिम गर्भाधान, दूध और मांस का संवर्धन और सफल विपणन जैसे पहलुओं को सिखाया जाता है। प्रशिक्षित किसान न केवल सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर बकरी पालन शुरू कर सकते हैं, बल्कि अपने व्यवसाय को भी लाभदायक बना सकते हैं।
बढ़ती मांग और बकरी पालन की लोकप्रियता
देश में बकरियों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। 2012 की पशुगणना के अनुसार भारत में 135 मिलियन बकरियां थीं, जो 2019 में बढ़कर 149 मिलियन हो गई हैं। इससे यह साफ जाहिर होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी पालन फिर से लोकप्रिय हो रहा है। लगभग सवा तीन करोड़ लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस व्यवसाय से जुड़े हैं।
सरकारी योजनाएं और आर्थिक सहायता
सरकार ने राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत विशेष योजनाएं शुरू की हैं। इसमें 20 लाख रुपये की योजना के अंतर्गत 100 बकरियां और 5 बकरों के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। किसान को केवल दो लाख रुपये स्वयं निवेश करने होते हैं, शेष राशि का लोन उपलब्ध कराया जाता है जिसमें 50% सब्सिडी मिलती है।
प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 50 बकरियां और 3 बकरों की योजना भी है। इसमें 10 से 15 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। सामान्य वर्ग के लिए 25 प्रतिशत और अनुसूचित जाति की महिलाओं को 35 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है।महत्वपूर्ण बात यह है कि इन सभी योजनाओं का लाभ केवल वही व्यक्ति उठा सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से बकरी पालन का प्रशिक्षण लिया हो।