
मेरठ, जो ऐतिहासिक, औद्योगिक और शैक्षणिक दृष्टि से हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, अब प्रदेश सरकार के एक महत्वाकांक्षी इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट प्लान के तहत आधुनिक और सांस्कृतिक पहचान के साथ पुनर्निर्माण की राह पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह तय हुआ कि मेरठ को खेल, शिक्षा, संस्कृति और व्यापार का प्रेरणास्पद केंद्र बनाया जाएगा। इस योजना में कुल 93 परियोजनाएं प्रस्तावित की गई हैं, जिनकी अनुमानित लागत लगभग 15,000 करोड़ रुपये है। इनमें से छह परियोजनाओं पर कार्य पहले ही शुरू हो चुका है।
मेरठ की पहचान को मिल रही नई दिशा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ के ऐतिहासिक महत्व और खेल उद्योग में अग्रणी भूमिका को उजागर करते हुए कहा कि इसकी भौगोलिक स्थिति, विशेष रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के निकटता, इसे एक विशिष्ट स्थान प्रदान करती है। उन्होंने निर्देश दिया कि विकास कार्यों में स्थानीय पहचान, परंपरागत शिल्प और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण अनिवार्य रूप से किया जाए। डिजिटल होर्डिंग्स, शहरव्यापी सीसीटीवी नेटवर्क और नागरिकों की भागीदारी से निगरानी व्यवस्था को और मजबूत बनाने पर भी जोर दिया गया।
सार्वजनिक सुविधाएं और स्वच्छता व्यवस्था होगी मजबूत
डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण, नदियों के पुनर्जीवन और व्यापक स्वच्छता अभियान को तेज़ी से लागू करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने मेरठ को पर्यावरणीय दृष्टि से अनुकरणीय शहर के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई। इसके लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने, सार्वजनिक परिवहन में निजी भागीदारी और सीवरेज-ड्रेनेज जैसे बुनियादी ढांचे को दीर्घकालिक रणनीति के साथ विकसित करने पर बल दिया गया। उन्होंने कहा कि एसटीपी की आधुनिक तकनीक और प्राकृतिक जल प्रवाह को संतुलित करते हुए एक प्रभावी ड्रेनेज प्रणाली लागू की जाए।
स्मार्ट रोड और इनर रिंग रोड से जुड़ेगा नया मेरठ
“सीएम ग्रिड मेरठ” योजना के अंतर्गत शहर की प्रमुख सड़कों को स्मार्ट रोड के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन सड़कों पर भूमिगत यूटिलिटी डक्ट, एलईडी लाइटिंग, संकेत व्यवस्था और सुविधाजनक फुटपाथ जैसे आधुनिक बुनियादी ढांचे उपलब्ध होंगे। वेस्टर्न रिंग रोड (52 किमी) और इनर रिंग रोड के निर्माण से यातायात की भीड़ से राहत मिलने की उम्मीद है। अबू नाला, दौराला, गढ़ रोड, मसूरी और परिक्षितगढ़ मार्ग के चौड़ीकरण पर भी जोर दिया गया है, जिससे सुगम संपर्क सुनिश्चित हो सके।
सांस्कृतिक और विरासती स्थलों को मिलेगा नया जीवन
मेरठ के ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक और विरासती स्थलों के पुनरुद्धार पर विशेष बल दिया। संजय वन, सूरजकुंड, विक्टोरिया पार्क जैसे स्थलों को विकसित कर पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। “मेरठ मंडपम” को सांस्कृतिक आयोजनों का मुख्य केंद्र बनाया जाएगा, जो नगर की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊँचाइयाँ देगा।
मेरठ बनेगा ज्वेलरी हब
पारंपरिक आभूषण शिल्प को संगठित रूप देते हुए मुख्यमंत्री ने मेरठ को एक ज्वेलरी हब के रूप में विकसित करने की योजना का प्रस्ताव रखा। कारीगरों के लिए साझा कार्यस्थल, आधुनिक उपकरण, विपणन सहायता और सुरक्षा उपायों के साथ इस उद्योग को नई दिशा देने की बात कही गई। यह पहल न केवल रोजगार बढ़ाएगी बल्कि मेरठ की पारंपरिक कला को भी वैश्विक पहचान दिलाएगी।
मेरठ बने प्रदेश का मॉडल शहर
“इंटीग्रेटेड डिविजनल ऑफिस” परियोजना को जनता से सीधा जुड़ा बताते हुए मुख्यमंत्री ने इसके बाहरी स्वरूप को सांस्कृतिक विरासत से मेल खाने वाला रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजनाओं में हैकाथॉन 2.0 के माध्यम से मिले सुझावों को भी शामिल किया गया है, और भविष्य में जनप्रतिनिधियों व नागरिकों की सहभागिता को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम, विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, पीडब्ल्यूडी और सिंचाई विभाग आपसी समन्वय से काम करें ताकि योजनाओं का लाभ वास्तविक रूप से ज़मीन पर दिखे।