राजस्थान सरकार खेती की पढ़ाई करने वाली लड़कियों को बढ़ावा देने के लिए एक स्कॉलरशिप योजना चला रही है। इसके तहत, जो छात्राएं एग्रीकल्चर विषय में पढ़ रही हैं, उन्हें हर साल ₹15,000 से ₹40,000 तक प्रोत्साहन राशि मिलती है। इस योजना से गांव की लड़कियों को आगे पढ़ने का मौका मिलेगा और वे रिन्यूएबल एनर्जी, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी और एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग जैसे नए क्षेत्रों में भी तरक्की कर सकेंगी।

स्कॉलरशिप राशि और इसके अंतर्गत आने वाले पाठ्यक्रम
राज्य सरकार की इस योजना के तहत 11वीं और 12वीं कक्षा में कृषि विषय लेकर अध्ययन करने वाली छात्राओं को ₹15,000 प्रति वर्ष की सहायता दी जाएगी। वहीं, कृषि स्नातक जैसे B.Sc. Agriculture, Horticulture, Dairy Science, Food Processing आदि चार वर्षीय पाठ्यक्रमों में नामांकित छात्राओं को ₹25,000 प्रति वर्ष की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। स्नातकोत्तर स्तर पर, M.Sc. Agriculture में अध्ययनरत छात्राओं को यह सहायता दो वर्षों तक दी जाएगी, जबकि पीएचडी-Ph.D. कर रही छात्राओं को ₹40,000 प्रतिवर्ष अधिकतम तीन वर्षों तक मिलेंगे।
राज्य के विशेष संस्थानों की भूमिका
बाड़मेर के कृषि महाविद्यालय और श्रीकर्ण नरेन्द्र व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, जोबनेर जैसे संस्थानों में अध्ययनरत छात्राएं इस योजना का प्रत्यक्ष लाभ उठा रही हैं। यहां की ग्रामीण बेटियां अब आत्मविश्वास के साथ कृषि शिक्षा में करियर बना रही हैं, जिसे राज्य सरकार की यह पहल और भी मजबूती प्रदान कर रही है।
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
यह छात्रवृत्ति केवल राजस्थान की मूल निवासी छात्राओं के लिए है, जो राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालयों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत हों। आवेदन के समय मूल निवास प्रमाण पत्र और गत वर्ष की अंकतालिका अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करनी होगी।
ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया
छात्राएं इस योजना के लिए राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। इसके लिए वे अपनी एसएसओ आईडी-SSO ID का उपयोग करके स्वयं या नजदीकी ई-मित्र केन्द्र से आवेदन जमा कर सकती हैं। प्राप्त आवेदनों की जांच संबंधित कृषि अधिकारी करेंगे और उसके बाद ई-साइन प्रमाणपत्र संस्था प्रधान को भेजा जाएगा, जिससे अंतिम स्वीकृति दी जा सके।
किन्हें नहीं मिलेगा लाभ
वे छात्राएं जो पिछली कक्षा में अनुत्तीर्ण रही हैं और पुनः उसी कक्षा में प्रवेश लिया है या श्रेणी सुधार के लिए दोबारा उसी कक्षा में नामांकन किया है, वे इस योजना की पात्र नहीं होंगी। इसके अतिरिक्त, सत्र के मध्य में पाठ्यक्रम छोड़ने वाली छात्राएं भी इस योजना का लाभ नहीं उठा सकेंगी।