Khatu Shyam Mandir: 19 घंटे बंद रहेंगे खाटू श्याम मंदिर के कपाट! जानिए दर्शन दोबारा कब होंगे शुरू

बाबा श्याम के खाटू मंदिर में 2 जून को विशेष तिलक श्रृंगार की वजह से मंदिर 1 जून रात 10 बजे से 2 जून शाम 5 बजे तक आम दर्शन के लिए बंद रहेगा। श्री श्याम मंदिर कमेटी ने भक्तों से निवेदन किया है कि वे मंदिर खुलने के बाद ही दर्शन के लिए आएं। यह धार्मिक प्रक्रिया पंचद्रव्यों से तिलक श्रृंगार हेतु की जा रही है।

By GyanOK

Khatu Shyam Mandir: 19 घंटे बंद रहेंगे खाटू श्याम मंदिर के कपाट! जानिए दर्शन दोबारा कब होंगे शुरू
Baba Shyam Darshan

खाटूश्याम जी मंदिर जाने की योजना बना रहे भक्तों के लिए एक जरूरी खबर है। विश्व प्रसिद्ध बाबा श्याम के मंदिर में 2 जून को विशेष तिलक श्रृंगार की तैयारी है, जिसके चलते मंदिर 1 जून की रात से आम भक्तों के लिए अस्थायी रूप से बंद रहेगा। श्री श्याम मंदिर कमेटी के अनुसार यह निर्णय परंपरागत धार्मिक अनुष्ठानों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इस विशेष अवसर पर बाबा श्याम का श्रृंगार पंचद्रव्यों से किया जाएगा, जिसके कारण आम दर्शनार्थियों के लिए कुछ समय तक प्रवेश वर्जित रहेगा।

मंदिर के बंद होने का शेड्यूल और श्रद्धालुओं के लिए निर्देश

श्री श्याम मंदिर कमेटी के मंत्री मानवेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मंदिर की धार्मिक परंपरा के अनुसार अमावस्या के दिन बाबा श्याम के तिलक श्रृंगार को हटाया जाता है, ताकि वे कुछ दिनों तक अपने मूल रूप में भक्तों को दर्शन दे सकें। इसके पश्चात तिलक श्रृंगार की प्रक्रिया की जाती है, जिसमें 8 से 12 घंटे का समय लगता है।

इस बार 2 जून को यह विशेष श्रृंगार किया जाएगा। इसलिए 1 जून की रात 10 बजे शयन आरती के बाद मंदिर आम भक्तों के लिए बंद कर दिया जाएगा। अगली शाम 2 जून को 5 बजे संध्या आरती के साथ मंदिर के कपाट फिर से भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे। भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे इस अंतराल में दर्शन की योजना स्थगित करें और मंदिर खुलने के बाद ही पधारें।

बाबा श्याम कौन हैं

बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है और वे हारे के सहारे कहलाते हैं। उनके जीवन की कथा महाभारत से जुड़ी है। भीम के पौत्र बर्बरीक जब युद्ध में भाग लेने जा रहे थे, तब उनके पास तीन ऐसे अमोघ बाण थे जो युद्ध की दिशा बदल सकते थे।

भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप धारण कर बर्बरीक से शीश दान मांगा और बर्बरीक ने सहर्ष अपना शीश अर्पित कर दिया। इस त्याग से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि कलयुग में वे श्याम नाम से पूजे जाएंगे और अपने भक्तों के संकट दूर करेंगे।

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