
गिवअप अभियान के तहत सीकर जिले में 85,442 लोगों ने खुद अपनी मर्जी से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना-NFSA का फायदा लेना बंद कर दिया है। यह अभियान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल है, जिसका मकसद यह है कि सरकारी मदद उन लोगों को मिले जिन्हें इसकी सच्ची ज़रूरत है। जिन लोगों को इसकी जरूरत नहीं है, वे खुद पीछे हटकर गरीबों और ज़रूरतमंदों के लिए जगह बना रहे हैं।
लोग खुद आगे आकर छोड़ रहे हैं योजना का फायदा
यह अभियान 1 नवंबर 2024 से शुरू हुआ था। इसके जरिए सरकार ने अपील की कि जो लोग इस योजना के लिए सही नहीं हैं, वे खुद इसे छोड़ दें। जैसे-जैसे लोगों को इसका मतलब समझ आया, हजारों ने योजना से खुद बाहर होना स्वीकार किया। यह एक अच्छी पहल बन गई जिसमें लोग खुद जिम्मेदारी दिखा रहे हैं।
कौन-कौन लोग माने गए अपात्र?
सरकार ने तय किया कि जिन लोगों की सालाना आमदनी 1 लाख रुपये से ज्यादा है, जिनके पास खुद की कार या चार पहिया वाहन है (ट्रैक्टर छोड़कर), जो आयकर देते हैं या जिनका कोई सदस्य सरकारी नौकरी में है – वे इस योजना के लिए अपात्र माने जाएंगे। अब इन्हीं आधारों पर पूरे जिले में जांच की जा रही है कि कौन इस योजना का गलत फायदा ले रहा है।
नई जगह, नए लोगों के लिए खुली
जिन लोगों ने योजना से खुद बाहर होने का फैसला किया, उनकी जगह अब जरूरतमंद लोग जुड़े हैं। सीकर में अब तक 1,96,243 नए पात्र लोगों को इस योजना में जोड़ा गया है। इसका मतलब है कि अब सही लोगों को सस्ती दरों पर राशन मिल पा रहा है।
गलत तरीके से लाभ लेने वालों से होगी वसूली
जिला रसद अधिकारी ने बताया कि 280 ऐसे लोगों की पहचान हुई है जिन्होंने योजना का गलत फायदा उठाया। उन्हें नोटिस भेजा गया है और उनसे योजना में लिए गए राशन की वसूली की जाएगी। भविष्य में इन्हें योजना से पूरी तरह हटा दिया जाएगा।
हर दुकान की हो रही है जांच
अब खाद्य विभाग के अधिकारी हर दिन पांच राशन दुकानों पर जाकर वहां से योजना का लाभ लेने वालों की जांच कर रहे हैं। दुकानदार भी इस काम में मदद कर रहे हैं ताकि यह साफ हो सके कि कौन वाकई में योजना का हकदार है और कौन नहीं।
वाहन वालों पर भी नजर
खाद्य विभाग अब परिवहन विभाग से जानकारी ले रहा है कि जिले में किस-किसके पास कार या अन्य चार पहिया वाहन हैं। इस जानकारी के आधार पर देखा जाएगा कि क्या ऐसे लोग योजना का फायदा तो नहीं ले रहे हैं। अगर कोई पकड़ा गया तो उन्हें भी नोटिस देकर वसूली की जाएगी।
अब हक सिर्फ हकदार को मिलेगा
इस अभियान से साफ हो गया है कि अब सरकारी योजनाओं का फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्हें उसकी सच्ची जरूरत है। यह पहल यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी गरीब व्यक्ति पीछे न रह जाए और अपात्र लोग दूसरों का हक न छीनें।