
मध्यप्रदेश के सतना जिले में Electricity Company ने अब अवैध निर्माणों पर सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की तैयारी कर ली है। अवैध कॉलोनियों और बिना मंजूरी के निर्माण पर पहले ही सख्ती बरती जा रही थी, अब मकानों, दुकानों तथा अन्य बिल्डिंगों के छज्जा या हिस्से यदि बिजली लाइनों के नियत मानकों से कम दूरी पर पाए गए, तो उन्हें ढहा दिया जाएगा। बिजली कंपनी ने साफ कर दिया है कि यदि भवन विद्युत लाइनों से निर्धारित न्यूनतम दूरी का उल्लंघन करते हैं, तो वह खुद कार्रवाई करेगी।
बिजली लाइनों के पास निर्माण: अब खतरे की घंटी
सतना शहर में हजारों मकानों और दुकानों ने मानकों को दरकिनार करते हुए विद्युत लाइनों के नजदीक निर्माण-Construction कर लिया है। अब जब Electricity Company ने चेतावनी दी है, तो इन भवन स्वामियों में हड़कंप मच गया है। सहायक अभियंता (मेंटेनेंस) कुलदीप मिश्रा ने जानकारी दी कि बिजली अधिनियम और केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
भवन और बिजली लाइन के बीच अनिवार्य दूरी क्या है?
भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 तथा CEA (Central Electricity Authority) के नियम 62 और 63 के तहत, भवन से बिजली लाइन की लंबवत दूरी 3.7 मीटर और समानांतर दूरी 2 मीटर होना आवश्यक है। जिन भवनों में यह दूरी नहीं है, वहां या तो निर्माण को पीछे हटाना होगा या बिजली लाइन की शिफ्टिंग-Shifting करानी होगी — और यह काम भी नियमों के तहत ही होना चाहिए।
सतना के घटनाक्रम ने बढ़ाई चिंता
हाल ही में केशवनगर धवारी क्षेत्र में छज्जा बढ़ाने के कारण बिजली लाइन खींचने में बाधा आई। नतीजतन, पूरे क्षेत्र की बिजली आपूर्ति-Electricity Supply रातभर बाधित रही। जब बिजली कर्मी मौके पर पहुंचे, तो उनके साथ अभद्रता और मारपीट की गई, जिसके चलते मामला पुलिस तक पहुंचा। इस घटना ने विभाग को पूरी तरह सख्त रुख अपनाने पर मजबूर कर दिया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और भी गंभीर
प्रदेश के गांवों में कई स्थानों पर तो बिजली लाइनें घरों और दुकानों के भीतर तक पहुंच गई हैं। ऐसे में दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी रहती है। सतना जैसी कार्रवाई यदि पूरे प्रदेश में की जाती है, तो लाखों निर्माण प्रभावित हो सकते हैं।
बिजली कंपनी की अपील: स्वयं करें सुधार, नहीं तो होगी कार्रवाई
कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने भवनों का निरीक्षण कराएं और यदि उनकी संपत्ति बिजली लाइन के बहुत पास है, तो अवैध हिस्सों को स्वयं हटा दें। ऐसा न करने पर विभागीय तोड़फोड़ की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, निर्माण अनुमति के दौरान विद्युत सुरक्षा मानकों का भी पालन अनिवार्य कर दिया गया है।