
रांची में जो नए बिजली के स्मार्ट मीटर लगे हैं, उनसे लोगों को बहुत दिक्कत हो रही है। झारखंड बिजली कंपनी (JBVNL) ने सोचा था कि इससे बिजली का बिल सिस्टम अच्छा और साफ बनेगा, लेकिन उल्टा लोगों को और परेशानी हो रही है। स्मार्ट मीटर की वजह से लोगों को ज़्यादा बिल आ रहे हैं, मीटर का लिंक फेल हो जा रहा है और बिजली कटने की चेतावनी मिलती रहती है।
स्मार्ट मीटर से बढ़ती समस्याएं
JBVNL ने रांची सर्कल में अब तक 3.10 लाख स्मार्ट मीटर इंस्टॉल किए हैं, जिनमें से 2.80 लाख प्रीपेड मोड में कार्यरत हैं। विभाग दावा करता है कि अब बिजली बिल मोबाइल एप के माध्यम से मिल रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि पहले की तुलना में बिल तीन गुना तक बढ़ गए हैं। एक उपभोक्ता के अनुसार, जहां पहले 1000 रुपये का बिल आता था, अब वही बिल 3000 रुपये हो रहा है।
लिंक फेल बना सबसे बड़ा सिरदर्द
बिल भुगतान के लिए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लगाए गए ATP मशीनों में पिछले तीन दिनों से लिंक फेल की समस्या बनी हुई है। 46 से ज्यादा मशीनों में यह तकनीकी खराबी सामने आई है। उपभोक्ता घंटों लाइन में लगने के बाद भी निराश लौट रहे हैं। कहीं भुगतान में पांच से सात मिनट का समय लग रहा है, तो कहीं सिस्टम पूरी तरह क्रैश हो जा रहा है।
लिंक फेल की वजह से ऑपरेटर और उपभोक्ताओं के बीच तीखी बहस की स्थिति भी बन रही है। दिव्यांग उपभोक्ता अरुण कुमार ने बताया कि जेबीवीएनएल की यह व्यवस्था पहले से अधिक जटिल हो गई है — न तो बिल कम हो रहा है और न ही आसानी से भुगतान हो पा रहा है।
आईटी सिस्टम में खामी, नया सॉफ्टवेयर बना वजह
स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम के अंतर्गत पहले HCL का सॉफ्टवेयर कार्यरत था, जिसे हाल ही में ‘Fuvent Grid’ नामक नए सॉफ्टवेयर से बदला गया है। इस सॉफ्टवेयर के आने के बाद से ही तकनीकी दिक्कतें सामने आने लगी हैं। विभाग के आईटी महाप्रबंधक का कहना है कि बार-बार प्रीपेड और पोस्टपेड मोड के अदला-बदली के कारण उपभोक्ताओं को बिलिंग में दिक्कत आ रही है।
हालांकि विभाग इसे सुधारने का हरसंभव प्रयास कर रहा है, लेकिन जब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता, उपभोक्ताओं की परेशानियां बनी रहेंगी।
बिजली काटने की चेतावनी ने बढ़ाई बेचैनी
JBVNL ने उन उपभोक्ताओं की पहचान कर ली है जिनका बिजली बिल लंबे समय से लंबित है। रांची सर्कल में 36,000 ऐसे उपभोक्ता हैं, जिनकी बिजली आपूर्ति कभी भी बंद की जा सकती है। इनमें से 600 को चेतावनी कॉल भी की जा चुकी हैं। हर डिवीजन से 100 उपभोक्ताओं को बिजली कटने की प्रक्रिया के तहत चुना गया है।