
हरियाणा में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को अब और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि पुलिस विभाग ने चालान सिस्टम में एक बड़ा बदलाव किया है। हरियाणा पुलिस ने अब पारंपरिक तरीकों को पीछे छोड़ते हुए डिजिटल एनफोर्समेंट सिस्टम को अपनाया है, जिसके तहत अब चालान सीधे सीसीटीवी निगरानी और डेटा एनालिटिक्स के ज़रिए जारी किए जा रहे हैं। खासतौर पर जिन वाहनों का पीयूसी-PUC सर्टिफिकेट या इंश्योरेंस-Insurance अपडेट नहीं है, उन्हें अब घर बैठे ई-चालान प्राप्त हो रहा है।
कैसे करता है काम यह स्मार्ट चालान सिस्टम
हरियाणा पुलिस द्वारा शुरू किए गए इस स्मार्ट डिजिटल एनफोर्समेंट सिस्टम को इंटेगरेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा गया है। इस सेंटर से जुड़ी ट्रैफिक पुलिस टीम शहरभर में लगे हाई-रेज़ोल्यूशन सीसीटीवी कैमरों के जरिए लगातार वाहनों की निगरानी कर रही है। जैसे ही कोई गाड़ी कैमरे में कैप्चर होती है, सिस्टम रीयल-टाइम में वाहन की रजिस्ट्रेशन डिटेल्स के ज़रिए उसके PUC और इंश्योरेंस स्टेटस को चेक करता है। अगर किसी गाड़ी का दस्तावेज एक्सपायर्ड है या अपडेट नहीं है, तो ऑटोमैटिक ई-चालान जनरेट होकर वाहन मालिक को भेज दिया जाता है।
यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल और फिजिकल वेरिफिकेशन रहित है, जिससे पारदर्शिता और सटीकता दोनों सुनिश्चित होती हैं।
महज एक महीने में हजारों चालान
इस नई व्यवस्था के तहत हरियाणा पुलिस ने केवल एक महीने में ही 4,144 गाड़ियों के चालान काटे, जिनके पास वैध PUC प्रमाणपत्र नहीं था। वहीं 2,682 वाहनों के बिना वैध इंश्योरेंस होने पर चालान जारी किए गए। ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि नई सिस्टम कितनी सक्रिय और प्रभावी है।
जनता से अपील और पुलिस की मंशा
करनाल के एसपी गंगा राम पुनिया ने इस पहल को “स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा में बड़ा कदम” बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चालान काटना ही उद्देश्य नहीं है, बल्कि लोगों को जिम्मेदार वाहन चालक बनाना उनका असल मकसद है। समय पर दस्तावेज अपडेट रखने से न केवल चालान से बचा जा सकता है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी लाई जा सकती है।
उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे समय-समय पर अपनी गाड़ियों के PUC और इंश्योरेंस की वैधता जांचते रहें और उन्हें ऑनलाइन माध्यम से ही रिन्यू कराएं.
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
इस कदम को जनता की ओर से सराहना मिल रही है। करनाल समेत अन्य शहरों में लोग मानते हैं कि इस स्मार्ट चालान सिस्टम से पुलिस और आम जनता दोनों का समय बचेगा। इसके अलावा, यह विवादों और बहसबाज़ी की नौबत को भी काफी हद तक खत्म कर देगा। पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई से सिस्टम पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा।