हरियाणा सरकार ने फर्जी तरीके से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) राशन कार्ड बनवाने वाले परिवारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है. सरकार ने ऐसे लाभार्थियों को 20 अप्रैल 2025 तक का अल्टीमेटम दिया था कि वे स्वेच्छा से खुद को बीपीएल कैटेगरी से बाहर कर लें या राशन कार्ड सरेंडर कर दें, वरना उनके खिलाफ FIR दर्ज होगी और दोषी पाए जाने पर दो साल तक की जेल भी हो सकती है.

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के निर्देश के बाद शुरू किए गए इस अभियान के के बाद मार्च से जुलाई के बीच करीब 3.90 लाख परिवारों ने खुद को बीपीएल सूची से बाहर करवा लिया है. मार्च में जहां राज्य में BPL कार्डधारकों की संख्या 51.96 लाख थी, अब वह घटकर 48.05 लाख रह गई है.
किन लोगों पर हो रही है कार्रवाई?
हरियाणा राज्य सरकार को कई सारे जिलों से शिकायतें मिली थीं कि कुछ अमीर परिवारों ने कम इनकम दिखाकर बीपीएल कार्ड बनवा लिए हैं. इसके बाद गुरुग्राम, सोनीपत, हिसार, फरीदाबाद और कुरुक्षेत्र समेत कई जिलों में जांच शुरू की गई। 1,600 से अधिक परिवारों को पहले ही सूची से हटाया जा चुका है जबकि बाकी पर कार्यवाही की जा रही है.
सरकार को शक है कि कुछ लोगों ने फर्जी पारिवारिक बंटवारा करके और झूठी जानकारी देकर बीपीएल कार्ड बनवाए हैं जिससे वो भी सरकारी योजनाओं का अनुचित तरीके से लाभ ले सकें.
किन जिलों में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा?
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा बीपीएल सूची से हटाए गए परिवार सिरसा (29,652), गुरुग्राम (26,559) और करनाल (23,035) में पाए गए हैं। इसके उलट चरखी दादरी में सबसे कम 8,093 परिवारों ने लाभ छोड़ा है.
अब सिस्टम को बनाया जा रहा पारदर्शी
सरकार ने परिवार पहचान पत्र (Family ID) के जरिए प्रत्येक कार्ड धारक की इनकम की सटीक जानकारी अपडेट करने को कहा था। चेतावनी दी गई थी कि 20 अप्रैल तक जो व्यक्ति जानकारी अपडेट नहीं करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई तय है।
आगे भी चलेगा सत्यापन अभियान
सूत्रों के मुताबिक यह सत्यापन अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। परिवार आईडी, जन वितरण प्रणाली (PDS) और अन्य डाटाबेस को जोड़कर आगे भी अपात्र लाभार्थियों की पहचान की जाएगी। और उनपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी.