Heatwave: दिल्ली में 39 डिग्री का तापमान लेकिन महसूस हुई 48 डिग्री जैसी गर्मी, इसके पीछे की वजह क्या है

तापमान 39 लेकिन शरीर को लग रहा 48 डिग्री! क्या सिर्फ सूरज जिम्मेदार है? दिल्ली में गर्मी का असली विलेन कौन है? जानिए इस रिपोर्ट में Heatwave की वजहें, खतरे और जरूरी बचाव के तरीके—हर दिल्लीवासी को इसे जरूर पढ़ना चाहिए!

By GyanOK

दिल्ली में 39°C लेकिन महसूस हुई 48°C गर्मी, जानिए वजह

दिल्ली में Heatwave की मार इन दिनों कुछ इस कदर है कि अधिकतम तापमान भले ही 39.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया हो, लेकिन शरीर पर इसका असर 48.5 डिग्री जैसी असहनीय गर्मी की तरह महसूस हुआ। यह आंकड़ा महज अनुमान नहीं है, बल्कि इसे मौसम विभाग की ओर से ‘हीट इंडेक्स’ यानी ‘Feels Like Temperature’ के आधार पर मापा गया है। हीट इंडेक्स में तापमान और आर्द्रता दोनों को मिलाकर शरीर पर पड़ने वाला प्रभाव दर्शाया जाता है।

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नमी के कारण बढ़ी गर्मी की तीव्रता

दिल्ली में सोमवार को हवा में नमी का स्तर 44% से लेकर 74% के बीच रहा। इस उच्च आर्द्रता ने वातावरण को और भी ज्यादा असहज बना दिया, जिससे शरीर का स्वाभाविक कूलिंग सिस्टम यानि पसीना वाष्पित होकर शरीर को ठंडा करने की प्रक्रिया बाधित हुई। इसी वजह से शरीर को 39 की जगह 48.5 डिग्री जैसी गर्मी महसूस हुई। इसे समझने के लिए आपको जानना होगा कि जब हवा में नमी ज्यादा होती है तो पसीना जल्दी सूखता नहीं, और ऐसे में शरीर की ठंडक प्रक्रिया प्रभावित होती है।

शहरी हीट द्वीप प्रभाव और दिल्ली की स्थिति

दिल्ली में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है जब ‘Urban Heat Island Effect’ यानी शहरी हीट द्वीप प्रभाव भी साथ आ जाता है। यह प्रभाव उस स्थिति को दर्शाता है जहां शहर की कंक्रीट की इमारतें और सड़कें दिन में सूरज की गर्मी को सोख लेती हैं और रात में धीरे-धीरे वह गर्मी वापस छोड़ती हैं, जिससे तापमान सामान्य से ज्यादा बना रहता है।

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मौसमी हवाओं और पूर्वी दिशा का असर

इसके अलावा इस समय दिल्ली की हवा पूर्वी दिशा से आ रही है, जो बंगाल की खाड़ी और उत्तर-पूर्व भारत से होकर गुजरती है। इन हवाओं में नमी अधिक होती है, जिससे दिल्ली की आर्द्रता में और इज़ाफा होता है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि जब नमी और तापमान दोनों ही ज्यादा हों तो हीट इंडेक्स तेजी से ऊपर चढ़ता है, जो इस समय हो रहा है।

सेहत पर बुरा असर डालती है ये गर्मी

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह की स्थिति बेहद खतरनाक होती है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बाहर काम करने वाले श्रमिकों के लिए। ऐसी गर्मी शरीर में हीट स्ट्रोक, चक्कर आना, थकान और यहां तक कि निर्जलीकरण जैसी स्थितियां पैदा कर सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने आने वाले दिनों में गरज के साथ बारिश और 50-60 किमी/घंटे की रफ्तार से धूल भरी हवाओं की संभावना जताई है जिससे कुछ हद तक राहत की उम्मीद की जा रही है।

गर्मी से राहत के लिए क्या करें

इस गंभीर स्थिति में जरूरी है कि लोग दिन के सबसे गर्म हिस्सों में बाहर निकलने से बचें, हल्के और ढीले कपड़े पहनें और भरपूर मात्रा में पानी पिएं। साथ ही घरों में ठंडे वातावरण को बनाए रखने के उपाय भी करें ताकि हीटवेव के असर से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखा जा सके।

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