
हमारे समाज में आज भी भेदभाव की भावना चल रही है, हालांकि जातिगत भेदभाव की भावना को मिटाने के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही है. जिसके बाद से लोगों की सोच में कुछ परिवर्तन आया है. ऐसे ही बिहार सरकार ने अपने राज्य में जाति भेदभाव को खत्म को करने के लिए अंतरजातीय विवाह योजना 2025 की शुरुआत की. इस योजना के तहत समाज में समानता और अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया जाएगा.
विवाहित जोड़े को मिलेंगे 1 लाख रुपए
इस योजना के अंतर्गत सरकार अंतरजातीय विवाह करने वाले जोड़ों को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है. कई लोग इस योजना का लाभ ले चुके है. सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक ने बताया कि अभी कुछ आवेदन जमा हुए हैं जिनकी जाँच चल रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ शादी के बाद दिया जाएगा यानी शादी होने के बाद आवेदन करना होगा. आवेदन करने के बाद विभाग के अधिकारियों द्वारा जांच शुरू की जाएगी, सब कुछ सही होने के बाद योजना का लाभ दिया जाएगा.
योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
इस योजना का लाभ केवल उन जोड़ों को दिया जाएगा, जिसमे लड़का या लड़की में से कोई एक अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) का होगा. अगर उनमें से कोई दूसरे राज्य का है, तो उसके ज़िले में जाँच के लिए पत्र भेजा जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही योजना की राशि देने पर ज़िले में काम शुरू होगा. सहायक निदेशक ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य ऐसे जोड़ों को आर्थिक मदद देना है जो अपनी जाति से बाहर शादी करते है, ताकि वे अपना नया जीवन आसानी से शुरू कर पाएं.
आवश्यक दस्तावेज
अंतरजातीय विवाह योजना का फायदा लेने के लिए आपको कुछ ज़रूरी कागज़ात देने होंगे, जैसे –
- शादी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट
- दूल्हा-दुल्हन दोनों का जाति प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- दूल्हा-दुल्हन की बैंक की जानकारी
- मोबाइल नंबर