Bihar Land Rules: बिहार में दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, जानें नया नियम और पूरा प्रॉसेस

बिहार सरकार ने जमीन से जुड़ी दाखिल-खारिज प्रक्रिया में कर दिया बड़ा बदलाव। अब रजिस्ट्री के बाद सीधे म्यूटेशन नहीं होगा! जानिए नया नियम, आवेदन की पूरी प्रक्रिया और इससे आपको क्या होगा फायदा या नुकसान, पूरी जानकारी के लिए आगे जरूर पढ़ें।

By Pinki Negi

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की और से भूमि दाखिल-खारिज प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। इससे अब किसी भी जमीन के दाखिल-खारिज आवेदन (Land Mutation Bihar) को अंचलाधिकारी स्तर से अस्वीकृति किए जाने के बावजूद उसे दोबारा अंचल स्तर से पुनःस्वीकृति नहीं मिल सकेगी। यानी ऐसे आवेदनों की दाखिल-खारिज करने की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी। तो चलिए जानते हैं दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव से जुड़े नियम की पूरी जानकारी।

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क्यों हुआ बड़ा बदलाव

राजस्व विभाग ने भूमि दाखिल-खारिज प्रक्रिया में बढ़ती अनियमितताओं को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। जिससे अब किसी भी भूमि को अंचलाधिकारी द्वारा एक बार अस्वीकृति किए जाने के बाद उसी स्तर से दोबारा स्वीकृत करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसे मामलों में केवल उच्च राजस्व प्राधिकारी यानि DCLR कोर्ट ही अपील सुन सकेगा। इस संबंध में विभाग के सचीव जय सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और समहर्ता को पत्र जारी किया है, साथ ही दाखिला-खारिज के आवेदनों के निष्पादन करने के भी निर्देश दिए हैं।

अंचल कार्यालयों पर बढ़ रहा था काम का बोझ

बता दें, विभागीय समीक्षा में यह पाया गया है की कई अस्वीकृत आवेदकों द्वारा उसी खाता-खेसरा के लिए बार-बार नए आवेदन दिए जा रहे थे। इन आवेदनों की दोबारा सुनवाई से निचले स्तर से लेकर CO तक काफी समय खर्च होने के साथ-साथ अंचल कार्यालयों पर भी काम का बोझ बढ़ रहा था। जिसे देखते हुए विभाग की और से भूमि दाखिल-खारिज प्रक्रिया में बढ़ा बदलाव किया गया है।

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सख्ती से लागू होगी व्यवस्था

भूमि दाखिल-खारिज प्रक्रिया को लेकर समीक्षा में यह पाया गया की कई अंचलाधिकारियों ने पूर्व में अस्वीकृत मामलों के नियमों के विरुद्ध दोबारा स्वीकृति प्रदान की है। जिसपर विभाग ने ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है, जबकि कुछ मामलों में पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। बता दें राजस्व विभाग की पूर्व नीति के अनुसार, अस्वीकृत हुए आवेदनों पर उसी स्तर में पुनः निर्णय नहीं हो सकता है। हालांकि इस नियम के बाद भी कई ऐसे मामले सामने आई है जहां CO स्तर पर दोबारा स्वीकृति दिए जाने से भ्रष्टाचार के मामले बढ़ रहे थे।

नई व्यवस्था से बढ़ेगी पारदर्शिता

राजस्व विभाग की नई नीति के तहत अब भूमि दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता बनेगी और डीसीएलआर कोर्ट के जारी स्वतंत्र अपील प्रणाली मजबूत होगी। साथ ही एक स्तर पर बार-बार लिए जाने वाले गलत निर्णयों और दबाव आधारित स्वीकृति की संभावनाएं कम होंगी।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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